बरपेटा: असम के बरपेटा में एक निजी मदरसे को गिराए जाने पर वहां के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने इस मदरसे को आतंक का गढ़ बताया है। असम के सीएम ने कहा कि इसे सरकारी जमीन पर गैरकानूनी ढंग से बनाया गया था। साथ ही इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों की ट्रेनिंग देने के लिए हो रहा था। सरमा ने कहा कि यह दूसरा मदरसा है जिसे ढहाया गया है। इन संस्थानों का इस्तेमाल आतंक की ट्रेनिंग के लिए हो रहा था।
गौरतलब है कि बरपेटा में शनिवार को दो भाइयों अकबर अली और अब्दुल कलाम आजाद की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद इन दोनों भाइयों द्वारा निजी रूप से बनाए गए जमीउल हुदा एकेडमी मदरसे को गिरा दिया गया था। बताया जाता है कि इन दोनों भाइयों के संबंध अलकायदा समर्थित जिहादी मॉड्यूल से था। यह दोनों भाई इस साल मार्च से ही लापता थे। मुख्यमंत्री सरमा ने दावा किया कि इस मदरसे में पढ़ाई-लिखाई से संबंधित कोई भी एक्टिविटी नहीं हो रही थी। उन्होंने कहा कि इसे आतंकी संगठन अलकायदा के ट्रेनिंग कैंप के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।
पुलिस का दावा है कि मामले में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों का अलकायदा के बरपेटा मॉड्यूल के की-एलीमेंट्स थे। यह लोग बांग्लादेशी टेरर ऑपरेटिव्स को ट्रांसपोर्ट और अन्य दूसरे साजो-सामान पहुंचाते थे। पुलिस ने एक कार भी सीज की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ढहाया गया मदरसा बांग्लादेशी मोहम्मद सुमोन द्वारा भी इस्तेमाल होता था, जिसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। वह असल में अलकायदा के स्लीपर सेल्स का मास्टरमाइंड था और अंसारुल्ला बांग्ला टीम जो कि बांग्लादेश में प्रतिबंधित है, उसका सदस्य था। पुलिस के मतुाबिक सुमोन इस निजी मदरसे में टीचर के रूप में आकर ठहरा करता था।