उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election) से पहले राज्य में कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा है. यूपी कांग्रेस के महासचिव ब्रह्म स्वरूप सागर (Brahm Swaroop Sagar) ने मंगलवार को पार्टी में समूहवाद और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा (Resign) दे दिया. सपा, बसपा के बाद कांग्रेस में महत्वपूर्ण पद संभालने वाले कद्दावर नेता ब्रह्मस्वरूप सागर ने अपना इस्तीफा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को सौंप.
मंगलवार शाम को डोहरा रोड स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता कर उन्होंने यह जानकारी दी. उन्होंने अपने इस्तीफे की कॉपी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी को भी भेजी है. ब्रह्मस्वरूप सागर पार्टी की गुटबाजी, अनुशासहीनता व वरिष्ठों के सम्मान न होने से नाराज चल रहे थे. हालांकि उन्होंने किसी अन्य पार्टी में ज्वाइनिंग को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले है. लेकिन ऐसी अटकले लगाई जा रही है कि वे बहुत जल्द एक बड़ी पार्टी के साथ नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं.
2019 में थामा था कांग्रेस का दामन
ब्रह्मस्वरूप सागर बरेली मंडल में बहुजन समाज पार्टी का चेहरा रह चुके हैं. ब्रह्म स्वरूप सागर समाजवादी पार्टी छोड़कर बीएसपी में आए थे. उनकी मेहनत को देखते हुए बीएसपी ने उन्हें जोन ऑर्डिनेटर जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन किया था. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ब्रह्मस्वरूप कांग्रेस में शामिल हो गए थे. लगभग दो साल वे कांग्रेस में रहे. कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश महासचिव का पद सौंप दिया गया था लेकिन पार्टी नेताओं पर गुटबाजी का आरोप लगा कर उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
हाल में कई अन्य नेताओं ने छोड़ी पार्टी
वहीं कांग्रेस शासित पुदुचेरी में भी मुख्यमंत्री वी नारायणसामी विधानसभा में सोमवार को विश्वास मत साबित नहीं कर पाए और विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही उनकी सरकार गिर गई है. साथ ही उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार कैसर जहां, रमाकांत यादव, सावित्रीबाई फुले जैसे कुछ ऐसे नेता हैं, जो हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़कर अन्य संगठनों में शामिल हुए हैं.