नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश मंत्रिपरिषद (Andhra Pradesh Council of Ministers) के सभी 23 सदस्य सात अप्रैल को यानी आज औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप देंगे, ताकि मुख्यमंत्री वाई एस. जगन मोहन रेड्डी (Y S Jagan Mohan Reddy) अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर सकें. नए मंत्रिपरिषद का गठन 11 अप्रैल को किया जाएगा.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि पुनर्गठित मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किया जाएगा, मौजूदा मंत्रियों में से कम से कम चार को फिर से मौका मिल सकता है. नए मंत्रिमंडल के गठन में जाति मानदंड की अहम भूमिका होने की संभावना है. रेड्डी ने जब 30 मई, 2019 को मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तब ही घोषणा की थी कि वह ढाई साल बाद अपने मंत्रिमंडल को पूरी तरह बदल देंगे और नए लोगों को मौका देंगे.
वर्तमान मंत्रिमंडल ने आठ जून, 2019 को शपथ ली थी और इन मंत्रियों को आठ दिसंबर, 2021 तक पद पर रहना था. कोविड-19 वैश्विक महामारी (Corona Pandemic) सहित कई कारणों के चलते कैबिनेट पुनर्गठन को टाल दिया गया था. मुख्यमंत्री ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह उगादी (2 अप्रैल को पड़ने वाले तेलुगु नव वर्ष दिवस) और फिर नए जिलों के गठन के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन का कार्य करेंगे. राज्य में चार अप्रैल को 13 नए जिलों का गठन किया गया था, अब प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 26 हो गई है.
बता दें कि हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अधिकारियों को नए जिलों के दफ्तर आवंटन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का निर्देश दिया था. अधिकारियों से कहा गया था कि वे 4 अप्रैल को सभी नए 13 जिला कार्यालयों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और कामकाज शुरू करें. मुख्यमंत्री 6 अप्रैल को सभी ग्राम और वार्ड सचिवालयों में 13 नए जिलों के गठन में अथक मेहनत करने वाले सभी स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया. अधिसूचना के बाद वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों में फेरबदल किया और नए जिलों में डीएम और एसपी की नियुक्ति की है.