चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री विजय सिंगला को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. सिंगला को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. मोहाली की एक अदालत ने विजय सिंगला की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इसके बाद हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई.
करप्शन केस में मंत्री विजय सिंगला को कैबिनेट से बर्खास्त किया गया था. सिंगला के भ्रष्टाचार की शिकायत CM तक पहुंची थी, जिसकी जांच उन्होंने गोपनीय तरीके से कराई. जांच में जब सिंगला फंसे तो उनकी सरकार से छुट्टी हो गई. मोहाली पुलिस ने सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोप में 24 मई को गिरफ्तार किया था.
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब हेल्थ सिस्टम कार्पोरेशन (PHSC) के Executive Engineer राजिंदर सिंह को एक महीने पहले स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला के OSD प्रदीप कुमार ने पंजाब भवन के कमरा नंबर 203 में बुलाया था. यहां मंत्री विजय सिंगला भी मौजूद थे. उस दौरान मंत्री ने तुरंत इंजीनियर से कहा कि वो जल्दी में हैं और ओएसडी प्रदीप कुमार उनकी ओर से उनसे बात करेंगे. ओएसडी जो कुछ भी कहते हैं, समझ लें. इस दौरान राजिंदर सिंह को कथित तौर पर बताया गया था कि 58 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों को आवंटित किया गया है. इस कुल राशि का 2 प्रतिशत यानी 1.6 करोड़ रुपये मंत्री को दिया जाए.
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला ने ठेके के आवंटन के लिए बठिंडा निवासी से 'शुकराना' शब्द का इस्तेमाल किया था, जो कि कमीशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. कार्रवाई के बाद सीएम मान ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मिलने के बाद बर्खास्त किया गया. इसके साथ ही FIR दर्ज करने के भी आदेश दिए. उन्होंने कहा कि हम एक परसेंट भ्रष्टाचार भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.