बड़ी राहत: अंतरराज्यीय यात्रा करने वाले नागरिकों को RT-PCR सर्टिफिकेट साथ रखने से मिल सकती है छूट
नई दिल्ली. अंतरराज्यीय यात्रा करने वाले नागरिकों को RT-PCR सर्टिफिकेट साथ रखने से छूट मिल सकती है. पर्यटन मंत्रालय ने पूर्ण टीकाकरण करा चुके यात्रियों को सर्टिफिकेट दिखाने से आजादी देने की अपील राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से की है. हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद अपराजिता सारंगी ने लोकसभा में इसे लेकर एक सवाल पूछा था, जिसके जवाब में पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि मंत्रालय ने राज्यों से टीकाकरण करा चुके लोगों को RT-PCR सर्टिफिकेट की अनिवार्यता से छूट देने का अनुरोध किया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक रुपिंदर बरार ने कहा, 'बुधवार को मंत्रालय ने राज्य सचिवों को पत्र भेजा है, जिसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड के दौरान एक समान यात्रा नियम अपनाने की अपील की गई है.' फिलहाल, कुछ राज्यों में ही वैक्सीन के दोनों डोज प्राप्त कर चुके लोगों को बगैर नेगेटिव RT-PCR सर्टिफिकेट के यात्रा की अनुमति है. जबकि, पश्चिम बंगाल (मुंबई, पुणे और चेन्नई से आने वाले यात्री), कर्नाटक, गोवा, छत्तीसगढ़ में वैक्सीन के दोनों डोज के बाद भी RT-PCR सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य है.
लोकसभा में सारंगी की तरफ से सवाल किया गया था, 'क्या राज्यों को विशेषकर प्रसिद्ध राष्ट्रीय स्मारकों, शहरों और स्थलों के लिए केवल ऐसे पर्यटकों को अनुमति दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं, जिनका टीकाकरण हो चुका है और यदि हां, उसका तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है.' इसके जवाब में मंत्री रेड्डी ने कहा, 'पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकारों/संघ राज्यक्षेत्र प्रशासनों से यह अनुरोध किया है कि अंतरराज्यीय यात्रा करते समय दोहरे वैक्सीनेशन का वैध अंतिम प्रमाण पत्र दिखाए जाने पर दोनों वैक्सीन ले चुके यात्रियों को RT-PCR की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अनिवार्यता से छूट दी जाए.'
बरार ने जानकारी दी कि मंत्रालय सभी राज्यों को एक समान नियम अपनाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है, जिसमें पूरी तरह टीकाकरण करा चुके यात्रियों के लिए RT-PCR सर्टिफिकेट जरूरी नहीं हो. उन्होंने जानकारी दी कि बीते 5 अगस्त को मंत्रालय ने राज्य सरकारों और कई एसोसिएशन के साथ बैठक भी की थी. उन्होंने कहा कि बैठक का हिस्सा बने राज्य इस बात पर सहमत हुए कि यह एक 'तार्किक विकल्प' है. मंत्रालय, स्वास्थ्य और उड्डयन मंत्रालयों के साथ भी एक समान नियमों को लेकर बैठक करेगा.