जौनपुर: जौनपुर के 27 वर्ष पुराने बहुचर्चित जीआरपी सिपाही हत्याकांड में आज फैसला आना है. मामूली बात को लेकर शाहगंज रेलवे स्टेशन पर फायरिंग की घटना में जीआरपी सिपाही अजय सिंह की मौत हुई थी और तीन लोग घायल हुए थे. इस मामले में पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत 7 अभियुक्तों पर दोष सिद्ध हो चुका है.
खुटहन विधानसभा से तीन बार विधायक और मछली शहर से एक बार सांसद रह चुके उमाकांत यादव उनके ड्राइवर राजकुमार यादव सहित 7 लोगों को 6 अगस्त को दोषी करार दिया गया था. घटना के समय पूर्व सांसद उमाकांत यादव बहुजन समाज पार्टी से विधायक थे. अपर जिला न्यायाधीश (MP/MLA COURT) शरद त्रिपाठी की अदालत में मुकदमा में चल रहा है. पूर्व सांसद और माफिया उमाकांत यादव के खिलाफ मुकदमे में फैसले को लेकर कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है.
शाहगंज रेलवे स्टेशन पर पूर्व सांसद उमाकांत यादव का ड्राइवर राजकुमार यादव अपने रिश्तेदार को छोड़ने आया था. इस दौरान उसने जीआरपी सिपाहियों से बदतमीजी की थी. जिसके बाद जीआरपी ने राजकुमार को चौकी में बिठा लिया था. अपने ड्राइवर को छुड़ाने के लिए पूर्व सांसद उमाकांत दल बल के साथ चौकी पहुंचे. इस दौरान यहां फायरिंग हो गई थी. जिसमें अजय सिंह की मौत हुई थी और जीआरपी सिपाही सहित लल्लन सिंह सहित तीन लोग घायल हुए थे.
हत्याकांड के इस मामले में 19 फरवरी 1996 से अब तक 598 तारीखें पड़ चुकी है. हत्याकांड के चश्मदीद 19 गवाह भी गुजर चुके हैं. जीआरपी सिपाही की हत्या के इस मामले की सीबीसीआईडी जांच भी हुई है.
पूर्व सांसद उमाकांत यादव उनके ड्राइवर, गनर समेत 7 के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 बलवा, धारा 148 , धारा 225, धारा 302 हत्या, धारा 307 हत्या का प्रयास, धारा 332 , धारा 333 , धारा 427 , धारा 7, आरोपित राजकुमार पर धारा 224 में विधि पूर्ण अभिरक्षा से भागकर निकलने की धाराओं में 13 फरवरी 2007 को अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में आरोप तय हुआ था.