मेरठ। चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में शनिवार सुबह आजीवन कारावास के कैदी की गला दबाकर हत्या कर दी गई। कैदी की हत्या के मामले में ड्यूटी में लापरवाही मिलने पर दो बंदी रक्षक व दो हेड वार्डन को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, डीआईजी जेल सुभाष चंद शाक्य ने घटना की जांच शुरू कर दी है। जेल अधीक्षक शशीकांत मिश्रा ने बताया कि रोहित पुत्र रिछपाल निवासी गगोल परतापुर जिला जेल में गत नौ अप्रैल को आया था। उसे जेल में अस्पताल के पास स्थित एक कमरे में एक अन्य बंदी संग एकांतवास में रखा गया था। शनिवार सुबह वह बेहोश मिला तो उसे जेल अस्पताल ले जाया गया। यहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मजिस्ट्रेट व मेडिकल थाना पुलिस की मौजूदगी में शव मर्चरी भेजा गया। उन्होंने बताया कि रोहित पर वर्ष 2018 में शताब्दीनगर में जानलेवा हमला व एक महिला पर तेजाब फेंकने का आरोप था। मामले में उसे 14 जनवरी 2021 को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। 24 फरवरी 24 को उच्च न्यायालय के जमानत आदेश पर रोहित को जिला जेल से जमानत पर रिहा किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के रोहित की जमानत खारिज करने पर नौ अप्रैल को उसे फिर जिला जेल भेजा गया था। रोहित के भाई विनीत, अशोक व ध्यान सिंह ने आरोप लगाया कि रोहित की जेल में पीट-पीटकर व फांसी लगाकर सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है। जेल अधीक्षक ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रोहित का गला दबाकर हत्या होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि ड्यूटी में लापरवाही पाए जाने पर बंदी रक्षक संजय राणा, सनोज व हेड वार्डन रविंद्र सिंह और हरिशंकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।