गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली से बड़ी खबर, दिशा के अध्यक्ष पद से हटायी गईं सोनिया गांधी, कैसे हुआ इतना बड़ा फेरबदल?

Update: 2021-07-15 13:47 GMT

कभी गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में भाजपा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपना डंका बजाया है. जिस सीट को कभी कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता था, उस सीट पर 2019 में स्मृति ईरानी ने कब्जा जमाया और राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा. अब 2019 के बाद से अमेठी में तो स्मृति की सक्रियता बढ़ी ही है, इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में भी वे एक्टिव दिखाई पड़ी हैं. यही वजह है कि उन्हें रायबरेली में दिशा का अध्यक्ष बना दिया गया है, वहीं सोनिया गांधी को को-चेयरपर्सन की भूमिका दी गई है.

सोनिया की जगह स्मृति ईरानी बनीं दिशा की अध्यक्ष
जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद दिशा समिति का गठन होता है. ये समिति हर तीन माह में केंद्रीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करती है. ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से अध्यक्ष और सहअध्यक्ष का मनोनयन किए जाने के बाद डीएम के स्तर से दिशा का गठन किया जाता है. दिशा में सभी विधायकों, ब्लॉक प्रमुखों और अन्य संसद सदस्यों को शामिल किया जाता है. खास बात ये है कि वर्ष 2019 में देश में नई सरकार के गठन के बाद लगभग सभी संसदीय क्षेत्रों (जिलों) में दिशा का गठन कर दिया गया, लेकिन रायबरेली में ऐसा नहीं हुआ.
कैसे हुआ इतना बड़ा फेरबदल?
अब दो साल बाद उस जरूरी प्रक्रिया को पूरा किया गया है, लेकिन एक बड़े फेरबदल के साथ. रायबरेली में लंबे समय बाद सोनिया गांधी को अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह ये जिम्मेदारी स्मृति ईरानी को दे दी गई है. वहीं सोनिया गांधी दिशा संगठन का हिस्सा बनी रहेंगी, लेकिन अब वे को-चेयरपर्सन की भूमिका अदा करेंगी. इस बारे में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा का कहना है कि अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के क्षेत्र में रायबरेली की एक विधानसभा सीट आती है. चूंकि वे केंद्रीय मंत्री हैं, ऐसी स्थिति में नियम है कि जो सांसद बड़ा होगा उसी को दिशा का चेयरपर्सन बनाया जा सकता है. चूंकि स्मृति ईरानी केंद्रीय मंत्री हैं, इसी कारण ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उन्हें अमेठी के साथ ही रायबरेली का भी चेयरपर्सन बनाया है.
Tags:    

Similar News

-->