यूक्रेन से लौटे भारतीय स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर, केंद्र सरकार ने कहा- भारतीय विश्वविद्यालयों में नहीं रखा जा सकता

Update: 2022-09-15 10:43 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्‍ली यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों का मामला न्‍यायालय में विचाराधीन है. कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए केंद्र ने कहा है कि भारतीय विश्वविद्यालयों में मेडिकल छात्रों को नहीं रखा जा सकता है. छात्र अपने यूक्रेन के कॉलेजों से अप्रूवल लेने के बाद अन्य देशों में ट्रांस्‍फर लेने का विकल्प चुन सकते हैं.
सरकार ने कहा, खराब नीट स्कोर या सस्‍ती कॉलेज फीस के चलते छात्रों ने यूक्रेन में मेडिकल कॉलेजों को चुना है. अगर कम नीट स्कोर वाले छात्रों को समायोजित किया जाएगा तो पहले से पढ़ रहे स्‍टूडेंट्स आपत्ति कर सकते हैं. कम नीट स्‍कोर वाले यूक्रेन से लौटे स्‍टूडेंट्स को भारतीय कॉलेजों में एडमिशन देना देश की मेडिकल शिक्षा के मानक को प्रभावित करेगा.
कोर्ट को दिए हलफनामे में केंद्र ने कहा, "कॉमन NEET परीक्षा 2018 से आयोजित की जा रही है और केवल 50 प्रतिशत से अधिक स्‍कोर हासिल करने वाले उम्मीदवार ही भारतीय चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश लेने के पात्र हैं." केंद्र का कहना है कि छात्र 'नीट परीक्षा में खराब स्‍कोर' या सस्‍ती फीस में पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में गए थे.
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