मुंबई: उद्धव ठाकरे गुट को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कारण, हाईकोर्ट ने ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें 24 अक्टूबर को ठाणे में दिवाली की सुबह होने वाले संगीत कार्यक्रम "दिवाली पहाट" के आयोजन की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति कमल खता की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि बंबई हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है, जो बेबुनियाद है.
बता दें कि शिंदे गुट के सदस्यों को इस कार्यक्रम को आयोजित करने की अनुमति ठाणे नगर निगम (टीएमसी) द्वारा दी गई है. उद्धव ठाकरे गुट के सांसद राजन विचारे के भतीजे मंदार विचारे और ठाणे के तलाव पाली में पंडाल स्थापित करने वाले एक ट्रस्ट सहित तीन अन्य ने इसके खिलाफ याचिका दायर की थी. याचिका में ठाणे में पंडाल और मंच बनाने के लिए शिंदे गुट को अनुमति देने वाले टीएमसी के 13 अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी गई थी.
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उन्हें 2016-17 से संबंधित स्थान पर दिवाली पहाट समारोह आयोजित करने की अनुमति मिली थी. इसलिए उन्हें इसे उसी स्थान पर कार्यक्रम करने का पूरा अधिकार है, क्योंकि पहले भी बड़ी संख्या में ठाणे के निवासियों ने इसमें भाग लिया था. याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि ठाणे नगर निगम, पुलिस विभाग और राज्य सरकार के पदाधिकारी एकनाथ शिंदे की वर्तमान सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर काम कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है, "मौजूदा प्रतिवादियों द्वारा की गई पूरी कवायद पूरी तरह से याचिकाकर्ताओं को परेशान करने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित है."
इसके अलावा याचिकाकर्ताओं ने कहा कि निगम पूरी तरह से जानता है कि प्रतिवादी युवा सेना के अध्यक्ष और सदस्य नहीं हैं और इस प्रकार उन्हें किसी भी अनुमति के लिए आवेदन करने का कोई अधिकार नहीं है. उधर, शिंदे गुट के सदस्यों ने बताया कि वे पिछले दस वर्षों से संगीत कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उन्हें जो अनुमति मिली है, वह उनकी व्यक्तिगत क्षमता से मिली है.
ठाणे नगर निगम की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता राम आप्टे ने बताया कि महाराष्ट्र नगर निगम के प्रावधानों के अनुसार, कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आवेदन कार्यक्रम से 30 दिन पहले जमा करना आवश्यक है. इसके लिए अग्निशमन, यातायात विभाग और पुलिस विभागों से आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र लाए जाने के बाद अनुमति पर विचार किया जाएगा.
आप्टे ने दस्तावेजों की ओर इशारा किया कि शिंदे गुट के सदस्यों ने 19 सितंबर को आवेदन किया था और उस आवेदन में सभी एनओसी शामिल थी. इस वजह से शिंदे गुट से नितिन और सत्यजीत लांगडे को अनुमति दी गई. ठाकरे गुट के सदस्यों ने 3 अक्टूबर को आवेदन किया था और इसमें अग्निशमन विभाग की केवल एक एनओसी शामिल थी.
सभी दस्तावेजों पर ध्यान देते हुए अदालत ने कहा कि उन्हें अनुमति देते समय टीएमसी की ओर से कोई दुर्भावना नहीं मिली है और उन्होंने याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. इसी पीठ ने पिछले महीने ठाकरे खेमे को मुंबई के शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति दी थी.