कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron Corona Variant) ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है. कर्नाटक में ओमीक्रॉन के दो मामले सामने आए हैं. दोनों मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इस बीच डॉक्टर ने घबराने के बजाय सतर्क रहने के लिए कहा है. इसी के साथ ये भी कहा गया है कि आने वाले दो हफ्ते काफी अहम होने वाले हैं.
मेदांता, द मेडिसिटी के चेयरमैन-एमडी डॉ नरेश त्रेहन ने कहा है कि हम बहुत मुश्किल स्थिति में हैं क्योंकि कोरोना का नया वेरिएंट मिला है जिसमें स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक प्रकार हैं और पूरी संरचना में 50 से अधिक प्रकार हैं. उन्होंने कहा है कि वायरस के दो हिस्से चिंता का विषय हैं-संक्रमण और विषाणु. R0 फैक्टर 12-18 गुना या इससे भी अधिक हो सकता है. इसका मतलब है कि यह बहुत विनाशकारी प्रसार हो सकता है. अभी, हम इसका सटीक विवरण नहीं जानते हैं. डॉ नरेंश त्रेहन ने आगे कहा, "हम नहीं जानते कि यह कैसे व्यवहार करेगा लेकिन अगर आप दक्षिण अफ्रीका के शुरुआती आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि एक दिन में मामलों की संख्या दोगुनी हो सकती है. यह एक ऐसा सच है जो पूरी दुनिया को अलर्ट कर रहा है. हमें सतर्क रहना है लेकिन घबराना नहीं है. टीकाकरण जरूरी है.
वहीं गंगाराम अस्पताल के डॉ धीरेन ने कहा कि भारत में ओमीक्रॉन मामलों के आने की उम्मीद थी. भारत में लोगों को शांत और संयमित रहने की जरूरत है लेकिन साथ ही हमें सतर्क भी रहना है. हमारी प्रारंभिक रिपोर्ट के साथ, हम कह सकते हैं कि यह अन्य वेरिएंट की तुलना में एक हल्का वायरस है. उन्होंने आगे कहा, लोगों में जागरूकता की कमी के कारण बिना लक्षण वाले मामले तेजी से फैलते हैं. टीकाकरण से हम सभी को लाभ होगा. अगले 2 हफ्ते काफी अहम होने वाले हैं. इस अवधि को पर्सनल लॉकडाउन के तौर पर लें. दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन से युवा प्रभावित हुए हैं. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा है कि WHO उन देशों की सराहना करता है नए वेरिएंट के मामलों का शीघ्रता से पता लगाने और रिपोर्ट करने में सक्षम हुए हैं.
उन्होंने कहा, ओमीक्रॉन वेरिएंट में बड़ी संख्या में म्यूटेशन होते हैं, जिनमें से कुछ चिंता का विषय हैं. दुनिया भर के शोधकर्ता ओमीक्रॉन की संप्रेषण क्षमता, गंभीरता और प्रतिरक्षा से बचने की क्षमताओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए अध्ययन कर रहे हैं. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि भारत में सामने आए ओमीक्रॉन के दो मामले जो WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में पहले दो मामले हैं, आपस में जुड़ी दुनिया को देखते हुए अप्रत्याशित नहीं थे.