कानपुर: जेल में बंद इत्र कारोबारी पीयूष जैन साथी कैदियों का होम्योपैथी दवाओं से इलाज कर रहा है. पीयूष के परिजनों के मुताबिक उसने विदेश की एक यूनिवर्सिटी से डिस्टेंस एजुकेशन में होमोपैथी का कोर्स किया है. दवाओं पर उसकी अच्छी पकड़ है. जिसका लाभ वो कैदियों को दे रहा है. बताया जा रहा है कि जो सॉल्ट जेल में नहीं मिलता है उसे बाहर से खरीदकर लाया जाता है. जेल के कई बड़े अफसर भी पीयूष जैन से दवा लिखवा रहे हैं.
आजतक की खबर के मुताबिक कानपुर जेल के जेलर आरके जयसवाल का कहना है कि पीयूष जैन को होम्योपैथी दवाओं की अच्छी जानकारी है. जेल में होम्योपैथी अस्पताल है, जहां हफ्ते में दो दिन ओपीडी लगती है. पीयूष कई कैदियों को दवा लिख चुका है. जिसका कैदियों को काफी फायदा हुआ है. उसका आचरण काफी अच्छा है और जेल के सभी नियमों का वो पालन करता है.
आरके जैसवाल के मुताबित अन्य बैरक में बंद एक कैदी को पथरी का दर्द हुआ था. जब पीयूष को इसकी जानकारी हुई तो वो मदद के लिए वहां पहुंच गया. उसकी लिखी दवा से कैदी को दर्द से आराम आया और उसकी पथरी भी निकल गई.
इसके बाद पीयूष की चर्चा पूरे जेल में फैल गई और काफी संख्या में कैदी उसके पास इलाज के लिए आने लगे. सुरक्षा के लिहाज से पीयूज ज्यादा किसी से मिलता नहीं है. पर किसी को दवा की जरुरत होती है तो लिख देता है. बता दें, 6 दिसंबर को महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) के छापे के दौरान इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित घर और कन्नौज की फैक्ट्री से 196 करोड़ रुपये नगद और 23 किलो सोने के बिल्कुट मिले थे. (बाजार मूल्य के अनुसार 11 करोड़ रुपये) और 6 करोड़ रुपये मूल्य का 600 किलो चंदन का तेल बरामद किया था. जब्त धनराशि कानपुर और कन्नौज बैंकों में जमा थी.
कानपुर के व्यवसायी पीयूष जैन ने सेल्फ असेस्मेंट के बाद पहले ही ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGGI) अहमदाबाद यूनिट के खाते में 54 करोड़ रुपये जमा कर दिए थे. हालांकि DGGI ने अभी तक पीयूष जैन पर जुर्माने की गिनती नहीं की है, लेकिन एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार यह राशि 60 करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है.