नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ की कई और पहचान थी, इनमें से एक पहचान थी 'हिंदू युवा वाहिनी' संगठन. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक अब ये संगठन पूरी तरह से खत्म हो गया है. यानी अब इस संगठन की सभी इकाइयां खत्म हो गई हैं, चाहे वह जिले की हो या प्रदेश स्तर की, अब हिंदू युवा वाहिनी की कोई इकाई नहीं रहेगी. योगी आदित्यनाथ ने पहले ही इस संगठन को भंग करने का निर्देश दे दिया था, लेकिन छिटपुट तौर पर इसकी कई इकाइयां काम कर रही थी आज के बाद से अब हिंदू युवा वाहिनी जैसा कोई संगठन नहीं होगा, इसे पूरी तरीके से खत्म माना जाएगा.
हिंदू युवा वाहिनी वो संगठन है जिसकी नींव खुद योगी आदित्यनाथ ने रखी थी. इसकी शुरुआत गोरखपुर में करीब 20 साल पहले हुई. योगी आदित्यनाथ का खुद भी गोरखपुर से गहरा संबंध है. वह गोरखपुर मठ के महंत हैं और वहां से सांसद भी चुने गए. योगी आदित्यनाथ का अध्यात्म की दुनिया से राजनीति में आना गोरखपुर और यहां बनी हिंदू यूवा वाहिनी से ही संभव हुआ.
हिंदू युवा वाहनी खुद को एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन बताता है. इसकी मूल विचारधारा हिंदुत्व और राष्ट्रवाद है. हिंदू युवा वाहिनी की वेबसाइट के मुताबिक वह हिंदू समाज के एकीकरण के लिए काम करता है. इसके लिए वह समाज में छुआ-छूत, ऊंच-नीच की भावना को मिटाना चाहता है.