पंजाब सरकार की दिल्ली में बड़ी बैठक जारी, अरविंद केजरीवाल देंगे गुरुमंत्र
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नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अपनी पूरी कैबिनेट के साथ दिल्ली पहुंए गए हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के अपने नेताओं की यह बैठक पार्टी की राज्य इकाई में बढ़ते आंतरिक असंतोष की चर्चा के बीच बुलाई है. दिल्ली के कपूरथला हाउस में केजरीवाल, भगवंत मान, उनके मंत्रियों और पंजाब के सभी विधायकों सांसदों के साथ मीटिंग करेंगे. विपक्षी दलों- कांग्रेस और बीजेपी ने दावा किया है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल, भगवंत मान को पंजाब सीएम के पद से हटाने की तैयारी कर रहे हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल ने पंजाब के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की यह बैठक दिल्ली विधानसभा चुनावों पर चर्चा करने और उनकी प्रतिक्रिया लेने के लिए बुलाई है. क्योंकि इन नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी उम्मीदवारों के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया था. पंजाब के सीएम भगवंत मान, उनकी कैबिनेट के मंत्री, सांसद, विधायक और AAP की राज्य इकाई के पदाधिकारियों सहित 200 से अधिक नेता चुनाव प्रचार के लिए हफ्तों तक दिल्ली में डेरा डाले हुए थे. पार्टी सूत्रों ने कहा कि बैठक का एजेंडा दिल्ली चुनाव परिणामों का विश्लेषण करना और 2027 की शुरुआत में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाना है.
आम आदमी पार्टी इसे भले ही संगठनात्मक बैठक बता रही हो, लेकिन इसने पंजाब में चुनावी वादों को पूरा करने में विफलता और केजरीवाल और मान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पार्टी में अशांति की अटकलें तेज कर दीं. विपक्षी दलों ने पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों की बैठक दिल्ली में आयोजित करने पर भी सवाल उठाया है. कांग्रेस का आरोप है कि पंजाब का शासन भगवंत मान नहीं, बल्कि दिल्ली में बैठे अरविंद केजरीवाल चला रहे हैं. इधर, भाजपा नेता तरुण चुघ ने दावा किया है कि पंजाब में मान सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है. दिल्ली के बीजेपी विधायक मजिंदर सिंह सिरसा ने भगवंत मान को आगाह किया है कि केजरीवाल उन्हें पद से हटाने की प्लानिंग कर रहे हैं.
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, 'पंजाब में 30 से अधिक AAP विधायक हमारे संपर्क में हैं.' जबकि गुरदासपुर से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मध्यावधि चुनाव की भविष्यवाणी की. उन्होंने कहा, 'यह इस पर निर्भर करता है कि कितने AAP विधायक पाला बदलते हैं. AAP विधायकों के लिए कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है, क्योंकि भाजपा का राज्य में कोई भविष्य नहीं है.'
AAP के सांसद मालविंदर सिंह कांग ने कहा, 'प्रताप सिंह बाजवा असंभव सपने देख रहे हैं- बिल्कुल मुंगेरीलाल की तरह. उनके खुद के भाई (फतेहजंग बाजवा) भाजपा में शामिल हो गए.' AAP के वरिष्ठ प्रवक्ता नील गर्ग ने मनजिंदर सिंह सिरसा पर भाजपा नेतृत्व को खुश करने के लिए 'अफवाह फैलाने' का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'भगवंत मान पंजाब में स्थिर सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. सिरसा को अब दिल्ली में भाजपा के चुनाव पूर्व वादों को पूरा करने की चिंता करनी चाहिए.'
केजरीवाल द्वारा बैठक बुलाए जाने के बाद, पंजाब सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक स्थगित कर दी, जिसे राज्य के बजट सत्र की तारीखें तय करने के लिए लगभग 5 महीने बाद आयोजित किया जाना था. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, 'दिल्ली को AAP से छुटकारा मिल गया और अब पंजाब भी इससे छुटकारा पाना चाहता है. भगवंत मान सरकार पंजाब में शराब, रेत और खनन माफिया से निपटने में विफल रही है.'
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली में हार के बाद अरविंद केजरीवाल द्वारा भगवंत मान, पंजाब के मंत्रियों और विधायकों को बैठक के लिए दिल्ली न बुलाकर, उन्हें खुद पंजाब जाना चाहिए था. उनके इस कदम से कांग्रेस के उस दावे को बल मिलता है कि पंजाब की सरकार दिल्ली से चलाई जा रही है और जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों की जगह AAP का 'आलाकमान' ही सर्वशक्तिमान है. अरविंद केजरीवाल को क्षेत्रीय भावनाओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत थी.
कांग्रेस के पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव ने एक न्यूज पेपर से बातचीत में कहा, 'आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली से नियंत्रित होने को लेकर बेचैन हैं. अब जब केजरीवाल दिल्ली में हार गए हैं, तो AAP की पंजाब इकाई में अशांति बढ़ रही है. पंजाब की सरकार को भगवंत मान चला रहे हैं या अरविंद केजरीवाल, इस अनिश्चितता से पंजाब AAP में टूट हो सकती है. क्योंकि विधायकों के बीच इस मुद्दे पर पिछले कुछ समय से असंतोष है.'