Covid 4th Wave: भारत में कोरोना वायरस के नए XE वैरिएंट के बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंता को काफी बढ़ा दी है. खासतौर पर राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्थिति और भी ज्यादा चिंताजनक बनी हुई है. बीते कई दिनों से कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली के टॉप अस्पतालों के डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि आने वाले 10 से 15 दिनों में दिल्ली में कोरोना के मामले पीक पर होंगे, लेकिन उसके तुरंत ही बाद यह कम होने शुरू हो जाएंगे.
बता दें कि बीते दो हफ्तों से दिल्ली में रोजाना एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं. सोमवार को, देश की टॉप मेडिकल रिसर्च बॉडी, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा कि देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को चौथी लहर के बजाय लोकल ट्रेंड के रूप में देखा जाना चाहिए.
डॉक्टर्स ने इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए बताया कि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे का एक कारण टेस्टिंग का कम होना है जिससे रोजाना कोरोना के नए मामले सामने आ रहे है. सफदरजंग अस्पताल के हेड कम्यूनिटी मेडिसिन जुगल किशोर ने कहा कि दिल्ली में कोरोना का पॉजिटिव रेट ज्यादा होने के पीछे का कारण यह है कि अथॉरिटीज केवल फोकस्ड टेस्टिंग कर रही हैं, सिर्फ उन्हीं लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में उनके पॉजिटिव होने के चांसेज ज्यादा हैं.
उन्होंने कहा, ओमिक्रॉन के इस नए सब-वैरिएंट के लक्षण केवल 3 से 5 दिनों तक ही दिखाई देते हैं. ऐसे में आने वाले 10 से 15 दिनों में दिल्ली में कोरोना के मामले पीक पर होंगे लेकिन उसके एक हफ्ते के अंदर ही यह कम होने शुरू हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन का यह नया सब-वैरिएंट संक्रामक हैं लेकिन इसके लक्षण काफी माइल्ड हैं. ऐसे में जरूरी है कि लोग इसे हल्के में ना लें और पूरी सावधानी बरतें.
बता दें कि बुधवार को देश में कोरोना के 3,205 नए मामले दर्ज किए गए. ये मंगलवार की तुलना में 24.8 फीसदी अधिक थे. इसके साथ ही देश में एक्टिव मरीज 19 हजार के पार हो गए हैं. बता दें कि इससे पहले मंगलवार को 2,568 कोरोना केस मिले थे और 20 लोगों की कोविड की वजह से मौत हुई थी.