कन्या विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 171 शादियां पाई गई फर्जी
2 आरोपी गिरफ्तार.
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में कन्या विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा निकलकर सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस दो महिला आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में गरीब कन्याओं की शादी का बीड़ा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्या विवाह योजना के तहत उठाया था। जिसमें बड़ी संख्या में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में सामूहिक कन्या विवाह समारोह का आयोजन भी किया गया। विवाह के बाद नवदंपत्ति को मिलने वाली सरकारी सुविधा और धन को अधिकारी और दलाल खा गए। इसका खुलासा पंडित गजेंद्र पाल शर्मा की शिकायत के बाद हुआ है।
इस मामले में श्रम प्रवर्तन अधिकारी गाजियाबाद ने सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत पूर्व से शादीशुदा लोगों का फर्जी तरीके से पंजीकरण कराकर मिलने वाले अनुदान 75-75 हजार रूपए अनुचित रूप से प्राप्त करने पर 20 मई को सिहानीगेट थाने में छह मामले दर्ज कराए थे। पुलिस ने मंगलवार को अनुज और राजेंद्र को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस ने 20 सितंबर को भी दो अभियुक्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
शिकायतकर्ता गजेंद्र पाल शर्मा ने आरोप लगाते हुए बताया कि योजना के अंतर्गत गाजियाबाद में 3,500 शादियां हुई थी, जिसमें सबसे बड़ी धांधली गाजियाबाद में हुई है। अगर 3,500 शादियों की जांच हो जाए तो उसमें केवल 40 से 50 शादी ही मान्य मिलेगी। इसकी शिकायत उन्होंने गाजियाबाद के जिलाधिकारी से की। लेकिन, गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने साक्ष्य लाकर देने की बात कही।
फिर, इसकी शिकायत लखनऊ में की गई। इसके बाद गाजियाबाद जिलाधिकारी को एक पत्र आया तो उन्होंने संज्ञान लिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने 175 लोगों के साक्ष्य दिए हैं, जिसमें से 171 शादियां फर्जी पाई गई है। हापुड़ के चार ब्लॉक में 835 शादियां हुई थी, जबकि गाजियाबाद में 3,500 शादियां हुई थी।
जब उन्होंने खुद घर-घर जाकर लाभार्थियों से बात की तो लाभार्थियों ने बताया कि उनके यहां दो बेटियां हैं, जिनका विवाह नहीं हुआ है। जबकि, कागजों में दोनों बेटियों की शादी हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कन्या विवाह योजना में 200 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने जब खुद जांच की तो कई जगह ऐसे मामले भी सामने आए, जहां घर की बहू को पुत्री बनाकर शादी के मंडप में बिठाया गया। इसके अलावा बहुत से लोग तो ऐसे भी थे जो सामूहिक विवाह स्थल पर पहुंचे भी नहीं और उनकी शादी कागजों में हो गई है।