बड़े एक्सपर्ट का दावा, इंसान Aliens के मिलन से बने, है हाइब्रिड प्रजाति, पढ़े पूरी खबर
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नई दिल्ली: क्या होता अगर इंसान एलियन होता? अरे... हम हैं. दुनिया भर में मौजूद इंसान एलियन ही हैं. धरती पर मौजूद आधुनिक इंसान को किसी अन्य एलियन प्रजाति के साथ संकरण कराकर बनाया गया है. संकरण यानी क्रॉसब्रेड. आधुनिक इंसान तब बने जब पड़ोसी सौर मंडल अल्फा सेंटॉरी के एलियन के साथ उनका संकरण कराया गया. ये दावा किया है दुनिया के कुछ एक्सपर्ट्स ने.
आधुनिक इराक को पहले अल-उहायमीर कहा जाता था. यहीं पर सुमेरियन शहर किश हुआ करता था. प्राचीन दस्तावेज बताते हैं कि किश शहर 3500 ईसा पूर्व से भी पुराना है. ये ऐसे शहर थे जहां पर राजशाही चलती थी. राजा का नाम था जुशूर. जुशूर के बाद यहां पर जो भी राजा बना उसे कुलासिना-बेल कहा जाता था.
कुलासिना-बेल का अकादियन भाषा में मतलब होता है कि ये सारे लोग देवता थे. इसे लेकर पुरातत्वविदों का मानना है कि जब कहीं पर कोई ऐसा कहता है कि यहां सारे लोग देवता थे, इसका मतलब होता है कि वहां एक राजा नहीं था. यानी वहां पर किसी एक केंद्रीय सत्ता की कमी थी. यह प्राचीन दस्तावेज सुमेरियन से लेकर मिस्र के काल तक पाए गए हैं. यानी करीब 100 साल तक.
इंसान इकलौता ऐसा जीव है, जिसके पास लिखने की क्षमता है. इसी क्षमता की वजह से इंसान जानवरों से अलग हो जाता है. पांच हजार साल हो गए, तब से लेकर अब तक इंसानों ने बिजली बनाई, परमाणु के कण तोड़े, कंप्यूटर बनाए, चांद और मंगल तक पहुंचे. इंसानों ने ऐसी ताकतें और तकनीक विकसित की जो किसी अन्य जीव ने नहीं किया. कोई अन्य प्रजाति का जीव इतने कम समय में इतनी ज्यादा तकनीकें विकसित नहीं कर पाया.
इंसानों के धरती पर आने और विकसित होने की उम्र अन्य जीवों की तुलना काफी ज्यादा कम है. लेकिन इंसानों ने इतने कम समय में ही जो बुद्धिमत्ता पाई है, वो अकल्पनीय है. जो काम किए हैं...वो सोच से बाहर हैं. हालांकि, ये सवाल आज भी बेहद जटिलता के साथ बना हुआ है कि सिर्फ इंसानों ने ही इतना विकास क्यों किया? इंसानों से ज्यादा बेहतर कोई अन्य प्रजाति क्यों नहीं है? जो अन्य बुद्धिमान जीवों की प्रजातियां हैं, वो तकनीक विकसित नहीं कर पाईं.
एक बार के लिए सोचिए कि अगर आपको कुछ समय के लिए जंगल में भेज दिया जाए रहने के लिए. क्या आप बिना तकनीक के वहां पर खुद को बचा पाएंगे. हम में से बहुत से लोग जंगल में सर्वाइव ही नहीं कर पाएंगे. न ही समुद्र में. ज्यादा दिनों तक आप बिना तकनीक या विकास के जंगल और समुद्र में रह ही नहीं सकते. ज्यादातर वैज्ञानिक यह मानते हैं कि इंसान बुद्धिमान है लेकिन वह हर मौसम या पर्यावरण के हिसाब से नहीं बना. हम अपने ही ग्रह पर कई मामलों में सीमित हो जाते हैं.
किसी भी लड़की या लड़के की बुद्धिमत्ता उसके शरीर की बनावट से संबंधित होती है. इंसानों के शरीर की बनावट अन्य जीवों के शारीरिक बनावट से एकदम अलग है. बल्कि यह विचित्र है. उदाहरण के लिए इसे ऐसे समझिए... जब घोड़े का शावक पैदा होता है, तब वह तुरंत उठकर चलने लगता है. अपने सारे काम खुद करने लगता है. लेकिन इंसान का बच्चा पैदा होते ही चलने लगे तो आप घबरा जाएंगे. क्योंकि ऐसा होता ही नहीं है. इंसान के बच्चे को धीरे-धीरे अपनी मानसिक क्षमता को बढ़ाते हुए विकसित होना होता है. उसका न्यूरोलॉजिकल विकास होता है.