सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पकड़े गए आतंकी नदीम के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. नदीम पाकिस्तानी हैंडलर सैफुल्लाह के संपर्क में था और उसे सैफुल्लाह ने ही नूपुर शर्मा के कत्ल का आदेश दिया था. नदीम अपने इरादों में कामयाब हो पाता, इससे पहले ही उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने उसे धर दबोचा.
यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने इस संबंध में बताया कि नदीम ने सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाई और उसी फेक आईडी के जरिये वह पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के संपर्क में था. पाकिस्तान में बैठे सैफुल्लाह ने नदीम को आईईडी बनाने से संबंधित लिटरेचर भेजा और lone wolf attack के लिए चाकू से मारने की ट्रेनिंग भी दी.
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक नदीम पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विभिन्न हैंडलर्स के संपर्क में था. उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा पर हमले से लेकर अन्य टारगेट को लेकर भी उससे पूछताछ की जा रही है. यूपी के एडीजी ने ये भी कहा कि सन 2018 में नदीम का संपर्क जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य से हुआ था. इसने नदीम को पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जोड़ा. फिर नदीम का संपर्क सफीउल्लाह से करवाया और इसके बाद उसे जिहादी साहित्य दिया गया.
उन्होंने ये भी कहा कि नदीम ने जिहाद के लिए अफगानिस्तान जाने की इच्छा भी जताई थी जिसके बाद आतंकियों ने उसे कई इंटरनेशनल प्लेटफार्म्स से भी जुड़वाया. एटीएस से मिली जानकारी के मुताबिक मोहम्मद नदीम के मोबाइल को कब्जे में लेकर उसकी पड़ताल की गई तो कई राज खुले. वह पाकिस्तान से भेजी गई किताब पढ़कर फिदायीन बन रहा था.
यूपी एटीएस के मुताबिक नदीम को पाकिस्तान के नंबर से 70 पेज की बुकलेट भेजी गई थी. हिंदी और उर्दू में लिखी Explosive course, Fidae Force से वह आईईडी बनाना सीख रहा था. यूपी एटीएस ने नदीम के मोबाइल से पीडीएफ फॉर्मेट में भेजा गया फिदायीन बनने का कोर्स मैटेरियल बरामद किया है. नदीम के बनाए गए टेलीग्राम ग्रुप पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और सीरिया के भी कई नंबर से लोग जुड़े थे.