व्यापारियों का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब दो मई तक लगाया स्वैच्छिक लॉकडाउन

दिल्ली के व्यापारी संगठनों की मीटिंग में यह निर्णय हुआ

Update: 2021-04-24 14:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:  दिल्ली के व्यापारी संगठनों की मीटिंग में यह निर्णय हुआ कि यदि दिल्ली सरकार कैट के आग्रह को स्वीकार करते हुए लॉकडाउन को आगे बढ़ाती है, तो यह सरकार का एक अच्छा कदम होगा, लेकिन यदि सरकार किसी कारण से लॉकडाउन नहीं बढ़ाती है, तो दिल्ली के व्यापारी संगठन बिना किसी दबाव के अपनी मर्ज़ी से स्वैच्छिक रूप से सोमवार 26 अप्रैल से 2 मई तक अपने बाजार बंद रखेंगे. यह मीटिंग वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शाम कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बुलावे पर हुई, जिसमें दिल्ली के सभी भागों के लगभग 100 से अधिक प्रमुख व्यापारी संगठनों के व्यापारी नेताओं ने भाग लिया.

बता दें कि कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए कैट ने शुक्रवार को दिल्ली के एलजी अनिल बैजल एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को एक पत्र भेजकर दिल्ली में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है. कैट को उम्मीद है कि परिस्थितियों का तकाजा देखते हुए दिल्ली सरकार लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का निर्णय अवश्य लेगी.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया, मीटिंग में कैट के संरक्षक एवं दिल्ली के वरिष्ठ व्यापारी नेता सुरेश बिंदल ने दिल्ली में कोरोना की विकराल स्थिति का आकलन करते हुए कहा कि वर्तमान हालात में दिल्ली के बाजार खोला जाना एक आत्मघाती कदम होगा और उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लॉकडाउन न बढ़ाने की स्थिति में दिल्ली के व्यापारी संगठन स्वैच्छिक रूप से 26 अप्रैल से 2 मई तक बाजारों को बंद रखें, जिसका मीटिंग में शामिल सभी व्यापारी नेताओं ने खुले रूप से समर्थन किया. बिंदल ने यह भी कहा कि कोरोना के कारण दिल्ली में काफी नकारात्मक वातावरण बन चुका है और दिल्ली में अब एक सकारात्मक वातावरण बनाने की एक पहल कैट के नेतृत्व में दिल्ली के सभी व्यापारी संगठन करेंगे.
प्रवीन खंडेलवाल एवं कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि दिल्ली में कल 25 हजार के लगभग लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए, जिनका प्रतिशत संक्रमण दर लगभग 32 .5 प्रतिशत है, जो बेहद चिंताजनक है और ऐसी परिस्थिति में यदि दुकानें खुलती हैं तो व्यापारियों, उनके कर्मचारियों एवं ग्राहकों को कोरोना से संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा और यह संक्रमण फिर उनके परिवारों में भी फैलने की आशंका है. दिल्ली में चिकित्सा सुविधाओं पर आवश्यकता से अधिक बोझ पड़ने के कारण से व्यापारियों को मेडिकल सुविधाओं का मिल पाना बेहद मुश्किल है, इस दृष्टि से हर हालत में दिल्ली में फिलहाल बाजार नहीं खुलने चाहिए .
कैट के प्रदेश महामंत्री देव राज बवेजा व आशीष ग्रोवर ने बताया कि मीटिंग में अनेक व्यापारी नेताओं ने वर्तमान समय में सरकार का सहयोग करने की दृष्टि से अस्थायी अस्पताल बनाने की अपील की, जहां कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोगों को प्रारंभिक चिकित्सा सुविधा दी जा सके. वहीं एक प्लाज्मा बैंक भी बनाने का निर्णय हुआ, जिसमें कोरोना से ठीक हुए लोगों को उनकी सहमति के बाद प्लाज्मा बैंक में उनका नाम सूची में डाल दिया जाए, जिससे प्लाज्मा की आवश्यकता वाले लोग सीधे प्लाज्मा डोनर से संपर्क कर सकें.
कैट के राष्ट्रीय मंत्री सुमित अग्रवाल एवं प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश सेठ ने बताया कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए मीटिंग में निर्णय लिया गया कि दिल्ली के व्यापारियों के सहयोग से बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन कंसनट्रेटर खरीदे जाएं, जिन्हें जरूरतमंद लोगों को इस्तेमाल के लिए दिया जाए और फिर किसी अन्य जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जाए.


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