सरकार का बड़ा फैसला!...सड़क हादसों में घायलों का प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा मुफ्त इलाज
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हर साल सड़क हादसो में घायल होने वाले लाखों सड़क यात्रियों के लिए राहतभरी खबर है। केंद्र सरकार निजी अस्पताल-नर्सिंग होम में जल्द ही घायलों को मुफ्त इलाज देने की सुविधा शुरू करने जा रही है। इसके तहत डेढ़ लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त होगा, अस्पताल पहुंचाने अथवा दूसरी जगह ट्रांसफर करने में परिवहन खर्च पृथक मिलेगा। हिट एंड रन मामले में सरकार ने घायलों का ख्याल रखते हुए उनको इस योजना में शामिल किया है। इतना ही नहीं स्थायी अपंगता होने पर पांच लाख रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा। मृत्यु होने पर उनके परिजनों को यह राशि दी जाएगी। इसमें विदेशी सैलानी-तीर्थ यात्री भी शामिल हैं। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले हफ्ते सड़क दुर्घटना में घायलों के लिए राष्ट्रीय कैशलेस ट्रीटमेंट योजना बनाई है। इसके तहत एक्सप्रेस-वे, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों, जिला सड़कें व अन्य सड़कों पर सड़क हादसों में घायलों को उक्त सुविधा देने का फैसला किया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैशलेस योजना से हर साल औसतन होने वाली पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में साढ़े चार लाख से अधिक घायलों को फायदा होगा। सबसे अधिक मदद हिट एंड रन सड़क हादसे के घायलों को होगी। अज्ञात वाहन हादसे कर मौके से फरार हो जाते हैं और घायलों का हाल लेने वाला कोई नहीं होता है। इस योजना से घायलों का इलाज कर उनकी जान बचाई जा सकेगी। इतना ही नहीं पूर्ण रूप से विकलांग होने पर अधिकतम पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। मृत्य होने की स्थिति में पांच लाख रुपये परिजनों को दिए जाएंगे। इसके अलावा ऐसे मामले में केंद्र सरकार की ओर से तय नियमों के अनुसार वित्तीय मदद का प्रावधान किया जाएगा।
सरकार ने घायलों को हादसो के पहले एक घंटे (गोल्डन आवर) के भीतर मुफ्त इलाज देने के लिए देश के 21,000 निजी अस्पताल-नर्सिंग होम सूचीबद्ध किया है। घायलों की मदद के लिए एनएचएआई हेल्पलाइन नंबर 1033 पर मदद मांगी जा सकेगी। सरकारी आंकड़ो के अनुसार हर साल औसतन 5,00,000 सड़क हादसों में 1,51,000 लोगों की मौत व 4,69,000 लोग घायल होते हैं।
मोटर वाहन दुर्घटना फंड के प्रकार व मदद का तरीका
1. बीमाकृत वाहन : जनरल इंश्योरेंस व्यवसाय करने वाली सभी बीमा कंपनियां सड़क हादसों में घायलों के लिए एक निश्चित राशि पृथक रूप से कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए रखेंगी।
2. गैर बीमित वाहन से हादसे अथवा हिट एंड रन मामले : ऐसे सड़क हादसो में टोल टैक्स के तहत वसूले जाने वाले सेस का एक अंश दुर्घटना फंड में जमा करना होगा। त्रुटिपूर्ण सड़क डिजाइन, निर्माण व मरम्मत मद में किया जाने वाले जुर्माना का अंश भी उक्त फंड में जमा किया जाएगा।
3. हिट एंड रन मामले में मुआवजा : हादसे में स्थायी अपंगता अथवा मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये के जुर्माना के लिए थर्ड पार्टी प्रीमियम की कुल राशि का 0.1 फीसदी उक्त फंड में जमा करना होगा।