यूपी सरकार का बड़ा फैसला: सरकारी स्कूलों के 8वीं तक के सभी छात्राये बिना परीक्षा अगली क्लास में प्रमोट, 1 अप्रैल से नया सत्र

कोरोना के मामले

Update: 2021-03-23 17:20 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं। पिछले साल के बाद अब इस साल भी कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। इसे देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को बिना परीक्षा दिए अगली क्लास में प्रमोट कर दिया है। परिषदीय स्कूलों में 1.6 करोड़ बच्चे नामांकित हैं। पहली अप्रैल से परिषदीय स्कूलों में नया शैक्षिक सत्र शुरू होगा।      

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परिषदीय विद्यालयों में 24 से 31 मार्च तक होली अवकाश घोषित कर दिया गया है और इनमें पढ़ रहे कक्षा एक से आठ तक के सभी बच्चे बिना परीक्षा दिए अगली क्लास में प्रमोट कर दिए गए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने मंगलवार को इस बारे में सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि पहली अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा। प्रमोट किए गए बच्चों की पिछले क्लास की दक्षताओं का मूल्यांकन और परीक्षा अप्रैल के अंत में होगी।
बता दें कि परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की वार्षिक परीक्षा 25 व 26 मार्च को होनी थी।कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषदीय विद्यालयों में 24 से 31 मार्च तक होली अवकाश घोषित करने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग ने 24 से 31 मार्च तक होली अवकाश घोषित करने के साथ वार्षिक परीक्षा को स्थगित कर दिया है और सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया है। बच्चों की पिछली कक्षा की शैक्षिक दक्षताओं का मूल्यांकन और परीक्षा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में होगी। हालांकि इससे बच्चों की कक्षोन्नति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मार्च 2020 के दूसरे सप्ताह में उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों का संचालन बंद हो गया था। प्रदेश सरकार ने शैक्षिक सत्र 2019-20 में भी बच्चों को बिना परीक्षा के पास किया था। जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हुई, लेकिन परिषदीय स्कूलों में कमजोर और गरीब तबके के बच्चों की संख्या अधिक होने के कारण ये ऑनलाइन क्लास का लाभ नहीं उठा सके।


Tags:    

Similar News

-->