कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष दिलीप घोष को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि घोष ने टीएमसी में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी। इधर, इस दावे पर भाजपा नेता ने भी पलटवार किया और कहा कि रॉय पार्टी में बने रहने के लिए दावे कर रहे हैं।
रॉय ने कहा, 'आरोप हैं कि घोष ने टीएमसी में शामिल होने के लिए पार्टी से संपर्क साधा था। चुनाव के बाद भी जब उन्हें बंगाल भाजपा अध्यक्ष पद से हटाया गया, तो वह टीएमसी से बातचीत कर रहे थे।' साल 2021 विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। जबकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में टीएमसी ने रिकॉर्ड जीत हासिल की थी।
इधर, घोष का कहना है, 'बंगाल के लोग मुझे जानते हैं। टीएमसी सांसद अपनी ही पार्टी में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में शायद उन्हें टिकट ही न मिले। वह टीएमसी की नई व्यवस्था में बने रहने और फिट बैठने के लिए ऐसे दावे कर रहे हैं।' वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता इसे भाजपा में कंफ्यूजन पैदा करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।
खास बात है कि इसी तरह के दावे टीएमसी नेता फिरहाद हाकिम और कुणाल घोष भी कर चुके हैं। उस दौरान भाजपा ने दिलीप घोष को बंगाल से बाहर बुला लिया था। हाकिम ने कहा था, 'मैंने कुछ समय के लिए घोष के साथ विधानसभा में काम किया है। मुझे लगता है कि उनकी पार्टी ने उनके साथ न्याय नहीं किया।' घोष के टीएमसी में शामिल होने को लेकर उन्होंने कहा, 'मैं इसपर कैसे कुछ कह सकता हूं? इसका फैसला पार्टी को करना है। जो भी मैंने कहा मेरा निजी विचार है।'