नई दिल्ली से पप्पू फरिश्ता
जनता से रिश्ता ने अपने 3 जुलाई के अंक में ''15 जुलाई के बाद कांग्रेस में कभी भी फेरबदल' शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित किया था। जो अब जल्द देखने को मिल सकती है। सूत्रों की माने तो पार्टी में अगले कुछ दिनों में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बीते कुछ समय से अपनी धूमिल होती छवि को फिर से वापस पाने और पार्टी के अंदर हो रहे घमासान को खत्म करने के लिए कांग्रेस अब संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव कर सकती है। माना जा रहा है कि पार्टी खुद की सक्रियता एक बार फिर से राजनीति में दिखाना चाहती है। पिछले दिनों की कुछ घटनाओं ने आलाकमान के माथे पर बल ला दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह भी सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की खबर से नाराज दिख रहे हैं। इस सम्बन्ध में उन्होंने सोनिया गाँधी से फोन पर बात भी की है। हालात को देखते हुए आज शाम तक या बहुत जल्द पंजाब के राजनीतिक घटनाक्रम में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। नवजोत सिद्धू आज दिल्ली बुलाए गए हैं। संभवत: इसी मसले पर चर्चा होगी।
सूत्रों की मानें, तो पार्टी में शीर्ष स्तर पर बदलाव के लिए तीन फार्मूले तय किए गए हैं जिन पर चलते हुए आला कमान संगठन को मजबूत करने बड़ा फैसला करेगी। देखा जाये तो जो फार्मूला तय किया जा रहा है उन्हें कैप्टन और अन्य नेताओं के विवादों का समाधान माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि इन फार्मूलों के तहत यह भी संभव है कि दो डिप्टी सीएम और तीन कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह सहमत हो सकते हैं। आज शाम तक कभी भी पंजाब के मसले पर आलाकमान निर्णय ले सकती है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि पार्टी में नया अध्यक्ष बनाया जाएगा जो कि गांधी परिवार से नहीं होगा। अध्यक्ष पद के लिए गैर गांधी परिवार का विकल्प इसलिए भी रखा गया है क्योंकि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इसे लेकर अपना पक्ष साफ कर चुके हैं कि परिवार से अलग किसी को अध्यक्ष बनाया जाए। वहीं अब माना जा रहा है पार्टी भी इसी मूड में है। पिछले दिनों सोनिया गाँधी से कमलनाथ की हुई मुलाकात को भी राजनीतिक पंडित इसी संदर्भ में जोड़कर देख रहे हैं। जानकार यह भी कहने से नहीं चूकते कि कमलनाथ को उत्तरप्रदेश और पंजाब के मसले के लिए बुलाया गया था। कमलनाथ गाँधी परिवार के सबसे करीबी एवं विश्वसनीय माने जाते हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तरप्रदेश में छोटी राजनीतिक पार्टियों से समझौते करने में भी कमलनाथ को महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है। लेकिन भरोसेमंद सूत्र यह भी बता रहे हैं कि कमलनाथ को आलाकमान कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है और यह मुलाकात भी इसी संदर्भ में होना बताया जा रहा है। जैसा कि जनता से रिश्ता ने अपने 3 जुलाई के अंक में जानकारी दी थी कि 15 जुलाई के बाद कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रियंका गाँधी के उत्तरप्रदेश दौरे के उपरांत आलाकमान अभी पेंडिंग पड़े मसले पर ईद के पहले या बाद सारे राजनीतिक फैसले ले सकती है। गौरतलब है कि अभी गुजरात का भी फैसला होना बाकी है। कमोबेश हरियाणा में भी यही स्थिति है वहां भी पूर्व सीएम हुड्डा के समर्थक विधायक कुमारी शैलजा की जगह हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के लिए पार्टी महासचिव वेणुगोपाल से मिल चुके हैं। लेकिन आने वाले दिनों में ही इन सब पर निर्णय होने की संभावना है। फि़लहाल आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी कमरकस कर तैयारी में लग गयी है।