केरल। कसारगोड जिले के त्रिकारीपुर में सड़क के किनारे चाय की दुकान 'बंगाली चायवाला' चलाने वाले बंगाली दंपत्ति को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। खाद्य व्यवसाय करने वाले बड़े कारोबारियों ने उसे दुकान खोलने के खिलाफ चेतावनी दी है। संगठित कारोबारियों ने कहा है कि दंपत्ति सुबह अपनी चाय की दुकान नहीं खोल सकता, वह चाहे तो शाम को दुकान खोल सकता है। दंपत्ति ने कहा कि उनकी मदद करने वाल कोई नहीं है और हम उनसे डरते हैं। दंपत्ति विजय व लक्ष्मी ने कहा कि वे एक परिवार के रूप में रहने में असमर्थ हैं, क्योंकि खर्च बढ़ गया है।
उधर, होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि उनके सदस्य भारी किराए और अन्य शुल्क देकर अपना कारोबार करते हैं। जबकि चाय की छोटी दुकानों पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होता। गौरतलब है कि केरल में लगभग 2.5 मिलियन प्रवासी मजदूर हैं और वे चाहे वे किसी भी स्थान से हों, उन्हें 'बंगाली' के रूप में जाना जाता है। आधिकारिक तौर पर, उन्हें अतिथि कर्मचारी के रूप में जाना जाता है।