BIG BREAKING: मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, इमरजेंसी लागू

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Update: 2024-09-07 15:24 GMT
New Delhi. नई दिल्ली। सितंबर के पहले हफ्ते से मणिपुर में हिंसा का वही रूप देखने को मिल रहा है जो 2023 में जुलाई, अगस्त के महीने में देखा गया था। ड्रोन से हवाई बमबारी से लेकर आरपीजी लॉन्च करने और अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल ने स्थिति को संवेदनशील बना दिया है. मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है और इसका कोई अंत नहीं होता दिख रहा है बल्कि आने वाले दिनों में इसके और भी आक्रामक रूप से बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। राज्य में बढ़ती हिंसा के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने
इम्फाल
में राज्यपाल से मुलाकात कर मौजूदा स्थिति की जानकारी दी है. मणिपुर के मुख्यमंत्री विधायकों द्वारा पारित एक प्रस्ताव भी राज्यपाल को सौंपेंगे. घाटी में हत्याओं के बाद सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की गई है. COCOMI (कोओर्डिनेटिंग कमिटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी) ने एक कड़ा अल्टीमेटम जारी किया है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों से पांच दिनों के भीतर संकट से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई की मांग की गई है।

इसमें कहा गया है कि ऐसा न होने पर, लोगों द्वारा अपनी और
मूल आबादी
की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। जिसमें मणिपुर से केंद्रीय बलों का निष्कासन भी शामिल है। कमिटी (COCOMI) केंद्रीय बलों खासकर असम राइफल्स पर मिलीभगत का आरोप लगाती रही है और अब उसने भारतीय बलों के लिए कुकी उग्रवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने या मणिपुर से हटने के लिए 5 दिनों की समय सीमा तय कर दी है. उसका कहना है कि मणिपुर के लोगों ने केंद्रीय बलों पर भरोसा खो दिया है क्योंकि वे हालात को काबू करने में विफल रहे हैं। 1 सितंबर, 2024 को कुकी उग्रवादियों ने एक हमला किया, जिसमें इम्फाल पश्चिम के कौट्रुक इलाकों में ड्रोन का इस्तेमाल करके की गई हवाई बमबारी भी शामिल थी, जिसमें एक मां की मौत हो गई और 10 नागरिक घायल हो गए. इसके बाद इम्फाल पश्चिम के सेनजाम चिरांग में ड्रोन बम विस्फोट हुए, जिसमें 50 से अधिक बम गिराए गए. इसमें कई जानवर घायल हो गए।

COCOMI का कहना है कि ये हमले असम राइफल्स की चौकियों के पास स्थित उग्रवादी शिविरों से किए गए थे, फिर भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया. 5 सितंबर, 2024 को, बिष्णुपुर जिले में ट्रोंग्लाओबी और मोइरांग को निशाना बनाकर 7 किमी की दूरी से मिसाइल हमले किए गए. COCOMI ने मणिपुर में 6 सितंबर, 2024 से अनिश्चितकालीन सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की है। इस बीच कुकी जनजाति की सर्वोच्च संस्था ने भी एक बयान जारी कर घाटी के हथियारबंद उपद्रवियों पर कुकी ज़ो समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) का आरोप है कि शनिवार, 07 सितंबर 2024 को मणिपुर के मुख्यमंत्री के लीक हुए ऑडियो टेप से ध्यान हटाने के प्रयास में मैतेई उग्रवादियों ने पिछले दो दिनों में कुकी-ज़ो क्षेत्रों पर हमला किया।
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