BIG BREAKING: करोड़ों की ऑनलाइन ठगी करने वाला शातिर ठगबाज गिरफ्तार

पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

Update: 2024-07-15 13:59 GMT
Sonbhadra. सोनभद्र। ऑनलाइन रेलवे टिकट बुकिंग बहाने के बहाने, दुद्धी तहसील मुख्यालय के रहने वाले व्यवसायी के खाते से तीन लाख 44 हजार उड़ाए जाने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। साइबर थाने की पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी को दबोचने के साथ ही, अलग-अलग नंबरों, अलग-अलग खातों से धोखाधड़ी करने वाले सिंडीकेट का भी खुलासा करने में कामयाबी पाई है। मामले में प्रयुक्त होने वाले तीन मोबाइलों को बरामद करने के साथ ही, धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के शेष सदस्यों की तलाश जारी है।
दुद्धी कस्बा निवासी संदीप अग्रवाल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि गत 12 जनवरी की रात वह रेलवे टिकट बुकिंग के लिए ऑनलाइन चेक कर रहे थे, तभी एक नंबर से कॉल आई और उसने टिकट बुकिंग का झांसा देकर, खाता नंबर मांगा। इसके बाद महज 10 रुपये काटने की बात कहकर उनसे ओटीपी मांग ली और चंद मिनटों में ही खाते से तीन लाख 44 हजार की रकम साफ कर दी। साइबर पुलिस ने गत 15 जनवरी को धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की।
लगभग छह माह तक चली छानबीन के बाद पुलिस को पता चला कि धोखाधड़ी का यह खेल बिहार के नालंदा जिले से जुडा हुआ है। इसके बाद एसपी डा. यशवीर सिंह के निर्देश पर एक पुलिस टीम नालंदा भेजी गई। वहां पहुंची टीम ने खातो को इंटरनेट के माध्यम से संचालित करने वाले साइबर अपराधी अमित उर्फ राजकिशोर रंजन पुत्र फकीरा उर्फ चंद्रशेखर निवासी पहाड़पुरा रतनपुरा, थाना इस्लामपुर, जिला नालंदा, बिहार को उसके गावं में दबिश डालकर दबोच लिया गया। धोखाधड़ी की तह तक पुलिस आसानी से न पहुंच पाए, इसके लिए धोखाधड़ी कर उड़ाई गई धनराशि को तीन बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया। इसके बाद एटीएम के जरिए उक्त धनराशि की निकासी मुंबई, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बेल्लुर जिले में सार्थियों के जरिए की गई।
लोगों को झांसे में लेकर सबसे पहले उनका खाता हैक किया जाता है। खातों को हैक करने के लिये गिरोह के सदस्य दूसरो के नंबरों से खातों को संचालित करते हैं और उनके माध्यम से पैसे निकलवाकर, उन्हें कमीशन के रूप में एक निश्चित राशि थमाई जाती है। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक मामले के खुलासे और मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी निरीक्षक धीरेंद्र कुमार चौधरी साइबर थाना, जितेंद्र कुमार चौकी प्रभारी लिलासी, साइबर थाने के हेड कांस्टेबल शिवनंदन सिंह, हरेंद्र सिंह, कांस्टेबल शैलेश विक्रम ने प्रमुख भूमिका निभाई।
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