BIG BREAKING: 56 मदरसों की मान्यता रद्द, जानिए क्या है पूरा मामला
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Sheopur. श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर में 54 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है. मदरसों की मान्यता रद्द होने के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में संचालित सभी सरकारी-प्राइवेट शिक्षण संस्थानों और मदरसों की जांच की जा रही है. जिन संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है वह क्या काम कर रही है इसकी जांच की जा रही है. श्योपुर जिले में 80 से ज्यादा मदरसे संचालित हो रहे हैं जिनमें 50 से अधिक मदरसों में किसी तरह की कोई शैक्षणिक गतिविधि को अंजाम नहीं दिया जा रहा है।
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थानों की व्यवस्था पर सतत निगरानी करती है कि कहां कैसी शिक्षण व्यवस्था चल रही है. बच्चों की क्या स्थिति है, हमें ध्यान में ये आया कि अनेक जगह ऐसी है जहां स्कूल संचालित नहीं है या बच्चे नहीं है, या किसी तरह से अनियमितता की स्थिति है.अभी कुछ जिलों से ये बात सामने आई है श्योपुर जिला उनमें से एक है. वहां करीब 80 से ऊपर मदरसा चल रहे थे इनमें 53-54 स्कूल ऐसे हैं जो लगातार कई महीनों से बंद थे. इसलिए सात- आठ महीनों से सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता बंद कर दी गई थी।
शासन ने तय किया कि उन स्कूल को बंद कर दिया जाए मदरसा बोर्ड ने मंगलवार को श्योपुर के 56 मदरसों की मान्यता रद्द की है। जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र सिंह तोमर की जांच रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई से कागजों में मदरसे संचालित करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है। बताया गया है कि श्योपुर में कुल 80 मदरसा थे, जिनमें से 56 मदरसे ऐसे थे जो मौके पर संचालित ही नहीं थे और 54 तो शासन से बाकायदा अनुदान भी ले रहे थे। सिर्फ 24 मदरसे संचालित पाए गए थे। इसकी शिकायत पूर्व में जिला शिक्षा अधिकारी के पास आई थी।
राज्य शासन ने भी मदरसों का भौतिक सत्यापन करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद मामले की जांच की गई तो 56 मदरसे फर्जी पाए गए। सिर्फ 24 ही संचालित मिले, इसका प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी ने भोपाल राज्य शिक्षा केंद्र के लिए भेजा था। जिस पर मदरसा बोर्ड ने यह एक्शन लिया है। जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि राज्य शासन के आदेश पर जिले के 80 मदरसों की जांच कराई गई थी। 56 मौके पर संचालित नहीं मिले, सिर्फ 24 ही संचालित मिले। जिनके संबंध में हमारे द्वारा जांच प्रतिवेदन भोपाल भेजा था। उसी पर यह कार्रवाई मदरसों के खिलाफ की गई है।