BIG BREAKING: बजट सत्र से पहले NDA के फ्लोर लीडर्स की हुई बैठक

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Update: 2024-07-22 15:57 GMT
New Delhi. नई दिल्ली। संसद में बजट पेशी से पहले एनडीए के दोनों सदनों के फ्लोर लीडर्स की मीटिंग हुई है. बजट को लेकर हुई इस मीटिंग में तय किया गया है कि सभी सहयोगी दलों के सांसद कल सदन में मौजूद होंगे. इस दौरान यह चर्चा की गई कि बजट को लेकर एनडीए सहयोगी दलों के सांसद सदन के भीतर और बाहर एकजुट रहें. मीटिंग में संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू, संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल और एल मुरूगन मौजूद थे. मीटिंग में निर्देश दिया गया है कि बजट को लेकर तमाम सांसद और मंत्री एक स्वर में अपनी बात रखेंगे. सदन में प्रबंधन और विपक्ष की बात का मुकाबला करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई. संसद का मॉनसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ है और पहले दिन सदन में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया।

इसके बाद मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए केंद्र सरकार का बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना सातवां बजट पेश करेंगी. इसके साथ वह इतिहास रचने जा रही हैं और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी, जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था. लोकसभा और राज्यसभा में केंद्रीय बजट पर 20 घंटे की चर्चा होने की संभावना है. निचले सदन में रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालयों को शामिल करते हुए अलग-अलग बहस होने की उम्मीद है।

12 अगस्त तक चलने वाले सत्र के दौरान संसद में कम से कम छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है. सत्र के हंगामेदार रह सकता है. जून के पहले सत्र से ही विपक्षी दल सरकार को मणिपुर सहित कई मुद्दों पर घेरे हुई है. विपक्ष के एजेंडे में अब नीट पेपर लीक का मामला भी शामिल है. इनके अलावा रेलवे सुरक्षा, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर विपक्ष एनडीए सरकार को घेर सकती है. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का कहना है, "हम संसद में किसानों, नीट और अग्निवीर के मुद्दे उठाएंगे. इसके बाद हम इंडिया ब्लॉक की बैठक करेंगे, जिसमें सामूहिक रूप से इस समस्या पर चर्चा की जाएगी. हमें उम्मीद है कि बजट में किसानों, बेरोजगारी, महंगाई, सरकारी कर्मचारियों को टैक्स में छूट और महिलाओं के मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।

बजट पेशी से पहले सियासत में भी गर्म है. एनडीए की सहयोगी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को निराशा हाथ लगी है. नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि बजट में बिहार को विशेष राज्य की मांग के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन केंद्र ने इसपर अपना स्पष्टीकरण दे दिया है कि बिहार को फिलहाल विशेष दर्जा नहीं मिलने जा रहा है. एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस मांग को अनुचित बताया है. हालांकि, बिहार से एनडीए सहयोगियों में शामिल जेडीयू, एचएएम और एलजेपी सभी ने एक स्वर में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई थी. केंद्र के फैसले के बाद जदयू के एक नेता ने कहा कि बिहार को विशेष दर्जा की जरूरत है. वहीं एचएएम के जीतनराम मांझी का भी कहना है कि इसके बगैर बिहार विकास नहीं कर पा रहा है।
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