BIG BREAKING: हत्या मामलें में जेल से बाहर निकले कन्नड़ एक्टर दर्शन
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Karnataka. कर्नाटक। रेणुकास्वामी हत्या मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद अभिनेता दर्शन को केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया है। रेणुका स्वामी की हत्या के आरोप में पिछले पांच महीने से जेल में बंद अभिनेता दर्शन थुगुदीपा को दिवाली पर तोहफा मिला है. दर्शन को कर्नाटक हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. दर्शन के स्वास्थ्य मुद्दे को ध्यान में रखते हुए छह सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम जमानत दी गई है और न्यायालय ने अंतरिम जमानत के लिए पर्याप्त शर्तें लगाई हैं।
इससे पहले निचली अदालत में दायर दर्शन की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी. बाद में दर्शन के वकील सीवी नागेश ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की. दर्शन की स्वास्थ्य समस्या को देखते हुए हाई कोर्ट में जमानत देने का अनुरोध किया गया था. दर्शन की पीठ में गंभीर दर्द है और उन्हें सर्जरी की जरूरत है. दर्शन के वकील ने डॉक्टर द्वारा दी गई रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी कि इलाज में देरी होने पर उन्हें स्ट्रोक होने का डर है. विशेष लोक अभियोजक प्रसन्ना कुमार ने अदालत के समक्ष दलील दी थी कि दर्शन की स्वास्थ्य समस्याओं पर रिपोर्ट देने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए. साथ ही अब जो डॉक्टर की रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें उन्होंने तर्क दिया है कि दर्शन की जो सर्जरी की जाएगी, उसमें ठीक होने में लगने वाला समय सटीक नहीं है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद, न्यायमूर्ति विश्वजीत शेट्टी ने अब ‘एक विचाराधीन कैदी के चिकित्सा उपचार के अधिकार’ का हवाला देते हुए सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है, लेकिन यह छह सप्ताह की अंतरिम जमानत है, जो उपचारात्मक कारणों से दी गई है. जज ने दर्शन पर कोई और शर्त नहीं लगाई. एसपीपी के अनुरोध पर पासपोर्ट सरेंडर करने का सुझाव दिया गया है. इसके अलावा दर्शन अपनी पसंद के किसी भी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं. इलाज का ब्योरा एक सप्ताह के भीतर कोर्ट में जमा करना होगा. इस तरह से रेणुकास्वामी हत्याकांड में गिरफ्तार दर्शन 131 दिन बाद जेल से बाहर आ रहे हैं. उन्हें खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दी गई है, कर्नाटक हाई कोर्ट ने दर्शन को 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है. उन्हें इस अवधि का उपयोग केवल इलाज के लिए करना चाहिए।
इस तरह के मामले में यह संभावना रहती है कि आरोपी बरी होने के बाद विदेश भाग सकता है. फिर उन्हें वापस लाना मुश्किल होता है. इसलिए कोर्ट ने दर्शन को निर्देश दिया कि वह पासपोर्ट कोर्ट में सरेंडर कर दे. न्यायाधीश ने पूछा कि क्या भागने का खतरा है? सरकार के वकील ने पासपोर्ट जब्त करने की शर्त लगाने का अनुरोध किया था. इसी अनुरोध की पृष्ठभूमि में पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया गया है. इस मामले पर बोलते हुए दर्शन के वकील सुनील ने कहा, ‘अंतरिम जमानत बस इतनी ही है. उसे नियमित जमानत पर बाहर लाया जाना चाहिए. वह जिम्मेदारी हम पर है।