BIG BREAKING: साइबर ठगों की गैंग का पर्दाफाश, मामलें में हुआ बड़ा खुलासा

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Update: 2024-08-16 15:17 GMT
Prayagraj. प्रयागराज। प्रयागराज पुलिस ने ऑनलाइन ठगी, डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपए की काली कमाई करने वाले गैंग से पुलिस ने पर्दा उठाया है। पकड़े गए बदमाश सीबीआई, आरबीआई, इनकम टैक्स व अन्य एजेंसियों के फर्जी अधिकारी बनकर साइबर ठगी करते थे। इस अंतर्राज्यीय गैंग के सरगना समेत दो अरेस्ट हुए हैं। दोनों दिल्ली में रहकर ठगी को अंजाम दे रहे थे। कई लोगों को फंसाकर डेढ़ करोड़ की ठगी करने के बाद दोनों बदमाशों ने दिल्ली के पहाड़गंज में दो बार-रेस्टोरेंट तक खोल लिया था। गिरफ्तारी के बाद शातिरों ने कई लोगों से ठगी की बात कबूली है। प्रयागराज साइबर सेल की टीम दिल्ली पुलिस से संपर्क कर उन्हें जानकारी मुहैया करा रही है। अरेस्ट करने वाली टीम को डीसीपी ने 20 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। डीसीपी सिटी दीपक भूकर ने शुक्रवार शाम पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस कर इन साइबर ठगों की मॉडस आपरेंडी के बारे में बताया। डीसीपी के मुताबिक, प्रयागराज के रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर से 6 अगस्त को इस गिरोह ने संपर्क कर किप्टो करेंसी में इनवेस्ट करने को लेकर डरा धमकाना शुरू किया। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट कर लिया।

उन्हें सीबीआई के दस्तावेज भेजे, इनकम टैक्स से संबंधित कागजात भेज बताया कि अरेस्ट किए जाने वाले हो। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट कर 68 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। प्रयागराज के साइबर थाने में केस दर्ज करने के बाद टीमें लगाई गईं। बैंक अकाउंट, वॉट्सऐप नंबर, मोबाइल नंबर, पैन कार्ड आदि से जांच आगे बढ़ी तो सरगना संदीप कुमार सेन को दबोचा गया। उसके बाद उसका साथी मो. साहिल अरेस्ट हो गया। इसके बाद दिल्ली से संचालित साइबर ठगों के गैंग से पर्दा उठ गया। डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में साफ हुआ कि यह गैंग पहले संपर्क कर डिजिटल करेंसी के तौर पर निवेश के लिए प्रोत्साहित करता है। कई प्रकार के निवेश का लालच देकर जाल में फंसाता है। इसके बाद कई एप के माध्यम से जुड़ा रहता है। क्रिप्टो करेंसी समेत अन्य मामलों की जानकारी लेने के बाद गिरोह के सदस्य सीबीआई अधिकारी, इनकम टैक्स अफसर, पुलिस अफसर बनकर उसी शख्स को घेरे में लेते हैं। उन्हें डराया जाता है कि अरेस्ट होने वाले हो। फर्जी एफआईआर की कापी, कूटरचित दस्तावेज भेजे जाते हैं। इसके बाद पूरा अकाउंट खाली कर दिया जाता है।

डीसीपी ने बताया कि संदीप और साहिल ने तीन महीनों में डेढ़ करोड़ की ठगी की। इसके बाद दोनों ने दिल्ली में किराए का हॉल खरीद वहां नाइट क्वीन बार एंड रेस्टोरेंट व मेट्रो व्यू बार एंड रेस्टोरेंट खोल लिया। इस संबंध में जानकारी दिल्ली पुलिस को दी गई है। डीसीपी ने बताया कि यह बदमाश डिजिटल करेंसी में लोगों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। निवेश में कई गुना लाभ होगा इसका विश्वास दिलाने के लिए फर्जी “DEFTER/LEDGER ACCOUNTING ऐप” में स्वयं का डिजिटल करेंसी में करोड़ों का लाभ (फर्जी कूटरचित करके) दिखा कर फ़ंसाते हैं। फर्जी “DEFTER/LEDGER ACCOUNTING ऐप” का संचालन अभियुक्तों की ओर से स्वयं किया जाता है। इसके साथ-साथ सीबीआई ऑफिसर, एडिशनल डायरेक्टर बन कर लोगों को टैक्स, एनओसी, पेनाल्टी व एजेंसियों की जांच का सम्मन, नोटिस व जेल भेजने के नाम भयभीत कर धोखाधड़ी कारित की जाती है। अभियुक्तों की ओर से ट्रू कॉलर पर सीबीआई के नाम से नंबर सेव करके लोगों से बात की जाती है ताकि लोगों को डरा धमका कर उनसे रुपए अपने दिए हुए खातों मे ट्रांसफर करा सकें।

पकड़े गए शातिर
1-संदीप कुमार सेन पुत्र सुनील कुमार निवासी हॉउस नंबर -86, दरियाबाद, थाना अतरसुइया जनपद प्रयागराज। आधार पता- 4823 कत्रा हरीराम, राम गली स्वामी राम तीर्थ नगर, पहाड़गंज सेंट्रल दिल्ली। दूसरा पता चुनामंडी गली नंबर -1 डी बी गुप्ता रोड पहाड़गंज सेंट्रल दिल्ली। तीसरा पता नाईट क़्वीन बार, आरके आश्रम , पचकुंइयां रोड, पहाड़गंज सेंट्रल दिल्ली।
2-मोहम्मद साहिल पुत्र मोहम्मद शानू आधार पता- 532/1 कमीर शाह तकिया अटाला थान खुल्दाबाद प्रयागराज, वर्तमान पता- नाईट क़्वीन बार, आरके आश्रम, पचकुंइयां रोड, पहाड़गंज सेंट्रल दिल्ली, दिल्ली, उम्र करीब 19 वर्ष ।
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