Jammu and Kashmir. जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में शनिवार को पांच बजकर 34 मिनट पर भूकंप Earthquake के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर अंदर उत्तर में अक्षांश 32.29 और पूर्व में देशांतर 76.67 में था। झटके महसूस होने के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए। फिलहाल कहीं से किसी प्रकार के जानमाल की हानि की सूचना सामने नहीं आई है।
जम्मू-कश्मीर में शनिवार (आज) को धरती कांपी है। किश्तवाड़ में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप आज शाम करीब साढ़े पांच बजे आया। रिक्टर स्केल पर 3.5 तीव्रता मापी गई है। भूकंप के झटके के बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। लोगों में हड़कंप मच गया। पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा। भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।