नई दिल्ली: कोर्ट ने पुलिस पर हमला करने एवं गैरकानूनी तरीके से जुटी भीड़ का हिस्सा होने के जुर्म में आप के दो विधायकों अखिलेश पति त्रिपाठी एवं संजीव झा को सोमवार को दोषी करार दिया। सजा पर 21 सितंबर को सुनवाई होगी। मामला वर्ष 2015 में बुराड़ी पुलिस थाने पर हमले से जुड़ा है। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता की अदालत ने 15 अन्य लोगों को भी दोषी करार दिया है।
अदालत ने कहा कि त्रिपाठी और झा पुलिस को सबक सिखाना चाहते थे। दोनों विधायक न केवल भीड़ का हिस्सा थे, बल्कि उसे उकसा रहे थे। चश्मदीद गवाहों के बयानों के मुताबिक वे बल प्रदर्शन कर पुलिस को डराने का प्रयास कर रहे थे। अखिलेश पति त्रिपाठी मॉडल टाउन और संजीव झा बुराड़ी से विधायक हैं। दोनों विधायक दंगा फैलाने, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने, गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होने से जुड़ी धाराओं के तहत गुनहगार करार दिए गए हैं। इस बीच, आप ने कहा कि यह एक यह दंगा या बवाल नहीं, जनता द्वारा जनता के लिए की गई लड़ाई थी।
अदालत ने पुलिस पर हमला करने के जुर्म में आम आदमी पार्टी के दो विधायकों को दोषी करार देते हुए उनकी दलीलों और गवाहों के बयानों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बचाव पक्ष के गवाहों के बयानों में विरोधाभास था। विझायक संजीव झा के बयानों में भी विरोधाभास पाया गया। कोर्ट ने कहा कि विधायक व बचाव पक्ष के गवाहों के बयानों में सबसे बड़ा विरोधाभास समय को लेकर दिखा उन्होंने अलग-अलग समय बताया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 20 फरवरी 2015 को आप के दोनों विधायक भीड़ के साथ बुराड़ी थाने पर पहुंचे और वहां कई पुलिसकर्मियों से बदसलूकी की। भीड़ में शामिल विधायक अपहरण के आरोपियों को उनके सुपुर्द करने की मांग कर रहे थे, जबकि पुलिस ने इनकार कर दिया, जिसके बाद विधायकों के नेतृत्व में भीड़ ने हमला कर दिया। वहीं, विधायकों के वकील ने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। उनके मुवक्किल विधायक भीड़ को शांत कराने के लिए वहां पहुंचे थे। विधायकों की तरफ से 14 गवाह पेश किए गए।
अदालत ने दोनों विधायकों के अलावा बलराम झा, श्याम गोपाल गुप्ता, किशोर कुमार, ललित मिश्रा, जगदीश चंद्र जोशी, नरेंद्र सिंह राव, नीरज पाठक, राजू मलिक, अशोक कुमार, रवि प्रकाश झा, इस्माइल इस्लाम, मनोज कुमार, विजय प्रताप सिंह, हीरा देवी और यशवंत को भी दोषी ठहराया है। हालांकि, अदालत ने इस मामले में 10 आरोपियों को बरी कर दिया है।