पटना: केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले जदयू से उनका राज्यसभा टिकट कट गया फिर एक-एक कर उनके समर्थकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाने लगा. अब पटना में उनका आशियाना छीन लिया गया. वह पटना में जदयू के विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ संजय गांधी के नाम पर एलॉट बंगले में पिछले कई सालों से रह रहे थे.
7M स्टैंड रोड स्थित यह बंगला अब मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के नाम पर आवंटित कर दिया गया है. हालांकि आरसीपी सिंह को तीन मकान बाद 10 स्टैंड रोड में बंगला मिल गया है. वहीं नीतीश के बेहद करीबी माने जाने वाले संजय गांधी ने सोमवार को अपने पुराने आवास का निरीक्षण किया. हालांकि इस दौरान संजय ने आरसीपी को लेकर कोई बयान नहीं दिया.
जब आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री प्रधान सचिव हुआ करते थे, तब वह 2 अन्ने मार्ग में रहते थे. लेकिन बाद में 2 अन्ने मार्ग को CM हाउस में मिला लिया गया. इसके बाद आरसीपी सिंह राज्यसभा के सांसद बन गए और वो संजय गांधी के बंगले 7M स्टैंड रोड में रहने लगे थे. यह बंगला मुख्यमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर स्थित है.
जनता दल यूनाइटेड आरपीसी सिंह के कारण उनके करीबी अजय आलोक समेत चार नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. पार्टी सूत्रों की मानें तो अभी इस एक्शन का अंत नहीं हुआ है.
जदयू के प्रदेशाध्यक्ष उमेश कुशवाहा इन दिनों एक्शन में हैं. वे ऐसे तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को चेतावनी दे रहे हैं, जो पार्टी विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं या सोशल मीडिया पर ऐसा-वैसा लिख रहे हैं. उमेश कुशवाहा की मानें, तो अभी और लिस्ट तैयार है. एक-एक करके लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.
पिछले दिनों जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आरसीपी सिंह को पार्टी का संदेश समझ कर मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने साफ कर दिया कि आरसीपी सिंह की आगे जेडीयू में क्या भूमिका रहेगी. इसका फैसला उन्हें खुद करना है.
जेडीयू में उन्हें दायित्य दिया जाएगा, फिलहाल यह तय नहीं है. संविधान के हिसाब से कोई संसद सदस्य नहीं तो मंत्री पद पर नहीं बना रह सकता. ऐसे में उन्हें नैतिक आधार पर केंद्र के मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
कभी आरसीपी सिंह की यह स्थिति थी कि बिहार में सियासी पत्ते फेंटने के लिए उनके होठ हिलने का इंतजार करना पड़ता था. नीतीश कुमार के कान में कान सटाकर कोई नेता बात करते तस्वीरों में दिखता था तो वह आरसीपी सिंह ही थे. नीतीश पार्टी के हर मसले पर उन्हीं से ही सलाह लेते थे.
इसी दौरान उपेंद्र कुशवाहा और ललन सिंह की एंट्री हुई. इसके बाद नीतीश के कानों से आरसीपी की पकड़ ढीली पड़ने लगी. इसी के बाद जदयू से इतर जाकर आरसीपी ने केंद्र सरकार को ज्वाइन कर लिया. यहीं से आरसीपी नीतीश को खटकने लगे. खटके भी ऐसे कि लोगों ने लुटियंस के बंगले से लेकर बिहार के बंगले तक से उन्हें हटा