नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी की कार्रवाई में नोटों का ढेर मिलता ही जा रहा है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी को पांच दिन के भीतर अब तक करीब 50 करोड़ रुपये बरामद हो चुके हैं. दरअसल ईडी ने उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी आरोपी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट पर बुधवार को दूसरी बार छापेमारी की, जिसमें 29 करोड़ रुपये कैश बरामद हुआ.
भर्ती घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की विपक्ष की मांग तेज होती जा रही है. वहीं सीएम ममता बनर्जी ने आज दोपहर तीन बजे कैबिनेट मीटिंग बुलाई है. ऐसा अनुमान है कि बैठक में पार्थ से मंत्री पद छीनने का फैसला हो सकता है. इसके अलावा मंत्रिमंडल में भी बड़े पैमाने पर फेरबदल हो सकते हैं.
टीएमसी के मुखपत्र "जागो बांग्ला", जिसके चटर्जी संपादक हैं, ने भी चटर्जी को मंत्री या पार्टी के महासचिव के रूप में नामित करना बंद कर दिया है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में उन्हें मिली आधिकारिक कार को भी जमा करा लिया गया. चटर्जी इस कार का इस्तेमाल पिछले 15 सालों से कर रहे थे.
अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से बुधवार को ईडी की टीम को इतना कैश मिला कि नोट गिनने वाली तीन कैश मिशनें मंगवानी पड़ीं. गिनती पूरी हुई तो पता चला कि ये 29 करोड़ रुपये हैं. जिन्हें ले जाने के लिए ईडी को 20 ट्रंक मंगवाने पड़े. छापेमारी में पांच किलो सोना भी बरामद हुआ है. ये पैसा गिनने में करीब 10 घंटे का समय लगा. ईडी ने इससे पहले 22 जुलाई को छापा मारा था, जिसमें उसने 21 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी के अफसरों ने दक्षिण कोलकाता के राजडांगा और शहर के उत्तरी किनारे के बेलघरिया में तीन जगह अर्पिता की संपत्तियों पर छापे मारे. पूछताछ के दौरान ही उसने ईडी को इन संपत्तियों की जानकारी दी थी. एक अधिकारी ने बताया कि ईडी की टीम को बेलघरिया के रथला इलाके में उसके दो फ्लैटों में घुसने के लिए चाबी न होने के कारण दरवाजा तोड़ना पड़ा. अधिकारी ने बताया कि तलाशी के दौरान फ्लैटों से कई अहम दस्तावेज भी मिले. वहीं अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में पार्टी चटर्जी टीम का बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं
इस मामले में टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ की है. भट्टाचार्य के भी इस घोटाले में कथित तौर पर शामिल होने की जानकारी सामने आई थी. भट्टाचार्य को ईडी के सॉल्ट लेक में सीजीओ परिसर स्थित कार्यालय में बुधवार दोपहर 12 बजे पहुंचने को कहा गया था, लेकिन वह सुबह 10 बजे ही वहां पहुंच गए थे.
इस बीच, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्यपाल ला गणेशन से मुलाकात कर उन्होंने बताया था कि पार्थ चटर्जी एक मामले में ईडी की हिरासत में हैं. उन्होंने राज्यपाल से चटर्जी को उद्योग वाणिज्य और संसदीय मामलों के मंत्री पद हटाने की मांग की है.
हालांकि चटर्जी से जब मीडिया ने मंत्री पद से इस्तीफा देने का सवाल किया था तो उन्होंने जवाब में कहा था कि उन्हें ऐसा क्यों करना चाहिए. वहीं 23 जुलाई को चटर्जी की गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष कहा था कि वर्तमान में पार्टी उन्हें कैबिनेट मंत्री या टीएमसी के महासचिव के रूप में नहीं हटाएगी.