मध्य प्रदेश में चुनावी राजनीति अपने चरम पर दिख रही है. कहने को राज्य में सिर्फ एक उपचुनाव होना है लेकिन दोनों ही राजनीतिक पार्टियां, बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन कांग्रेस के लिए मेन मैच से पहले ही मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है. कांग्रेस के एक और विधायक ने पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर ली है.
इस कांग्रेस नेता का नाम है सचिन बिरला जो अभी तक बड़वाह विधानसभा सीट से विधायक हैं. उन्होंने रविवार को सीएम शिवराज की उपस्थिति में बीजेपी का दामन थाम लिया. अब बीजेपी के लिए सचिन बिरला का पार्टी में आना इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सचिन बिरला ने बीजेपी उम्मीदवार हितेंद्र सिंह सोलंकी को हराया था और विधायक बने थे.
अब कांग्रेस के लिए ये डबल झटका इसलिए है क्योंकि बिरला से पहले पूर्व विधायक सुलोचना रावत और उनके पुत्र विशाल रावत ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. उन्होंने भी उपचुनाव से पहले कांग्रेस का साथ छोड़ दिया. ऐसे में उपचुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी बिखरती दिख रही है. खुद कांग्रेस अपने नेताओं के यूं पार्टी छोड़ने से खासा नाराज है. वो इसे बीजेपी की एक साजिश बता रही है और लोकतंत्र की हत्या.
कांग्रेस विधायक के भाजपा में जाने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है. कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मध्यप्रदेश में लोकतंत्र से दुष्कर्म जारी है'. अब जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश में बड़वाह विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं. बीजेपी की पूरी कोशिश है कि इस सीट को अपने नाम किया जाए. इसी वजह से खुद सीएम भी जमीन पर उतर गए हैं और लगातार जनता से सीधा संपर्क साध रहे हैं.