नई दिल्ली। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की मौजूदगी में राजस्थान के कई नेता बीजेपी में शामिल हुए।
एक दिन पहले सचिन पायलट ने दिया था बड़ा बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 जुलाई को दिल्ली में राजस्थान के तमाम बड़े नेताओं के साथ पार्टी की चुनावी रणनीति को लेकर बैठक की थी. इस बैठक में सचिन पायलट भी शामिल हुए थे, जबकि अशोक गहलोत वर्चुअली बैठक से जुड़े थे. इस बैठक को इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में गहलोत-पायलट के बीच जारी खींचतान पर पूर्ण विराम लगाने के लिहाज से अहम बताया गया था.
अब 8 जुलाई को पीटीआई से इंटरव्यू में सचिन पायलट ने ये कहकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को राहत प्रदान किया कि सामूहिक नेतृत्व ही चुनाव में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. पायलट ने भी कहा कि आगामी चुनाव में पार्टी के सभी नेता एकजुट होकर लड़ेंगे. सचिन पायलट के रुख में बदलाव का संकेत दरअसल दिल्ली में 6 जुलाई को हुई बैठक के बाद ही मिल गया था. बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव ने संकेत दिया था कि पार्टी चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करेगी. एक तरह से पार्टी आलाकमान से मिले इस आश्वासन को ही सचिन पायलट के सुर में बदलाव को सबसे बड़ा कारण माना जा सकता है. शायद यहीं वजह है कि जब सीएम चेहरे पर सवाल किया गया तो सचिन पायलट का कहना था कि दशकों से कांग्रेस की परंपरा बिना सीएम चेहरा घोषित किए चुनाव लड़ते रही है.