हैदराबाद: तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार देर रात बीआरएस के छह एमएलसी कांग्रेस में शामिल हो गए। इसी के साथ 40 सदस्यीय तेलंगाना विधान परिषद में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की संख्या दोगुनी होकर 12 हो गई।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के दिल्ली से लौटने के बाद दांडे विट्ठल, भानु प्रसाद, बी दयानंद, प्रभाकर राव, एग्गे मल्लेशम और बसवराजू सरैया औपचारिक रूप से गुरुवार रात करीब एक बजे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी में शामिल हुए बीआरएस के छह विधान परिषद सदस्य दांडे विट्ठल, भानु प्रसाद राव, एम एस प्रभाकर, बोग्गरापु दयानंद, येग्गे मल्लेशम और बसवाराजू सरैया हैं। इस मौके पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की प्रभारी दीपा दासमुंशी, राजस्व मंत्री पी. श्रीनिवास रेड्डी, पूर्व मंत्री सुदर्शन रेड्डी और अन्य नेता भी मौजूद थे।
बीआरएस एमएलसी गुरुवार रात एक होटल में मिले और बाद में रेवंत रेड्डी के आवास पर पहुंचे। उनके शामिल होने से परिषद में कांग्रेस पार्टी की ताकत छह से बढ़कर 12 हो गई है। बीआरएस को यह झटका वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य के केशव राव के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद लगा है। उन्होंने राज्यसभा सदस्य पद से भी इस्तीफा दे दिया है।
बता दें कि नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में हार के बाद से बीआरएस के छह विधायक कांग्रेस में चले गए हैं। 119 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने 64 सीटें जीती थीं। बीआरएस से दलबदल और सिकंदराबाद छावनी उपचुनाव में जीत के बाद इसकी ताकत 71 हो गई है। दूसरी ओर, बीआरएस विधायकों की संख्या घटकर 32 रह गई है।