मनीष सिसोदिया का बड़ा आरोप, अब सीबीआई ने जारी किया ये बयान

Update: 2022-09-05 11:29 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को यह दावा किया कि सीबीआई के एक अधिकारी ने इसलिए सुसाइड कर लिया क्योंकि उन पर आबकारी मामले में मुझे झूठा फंसाने के लिए दबाव डाला गया था। हालांकि, सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के बयान को शरारती और भ्रामक बताते हुए इसका जोरदार खंडन किया है।
सीबीआई के एक अधिकारी के सुसाइड को लेकर सिसोदिया के बयान पर सीबीआई यह स्पष्ट किया है कि दिवंगत अधिकारी जितेंद्र कुमार आबकारी मामले की जांच से किसी भी तरह से जुड़े हुए नहीं थे। जितेंद्र कुमार केवल उन अभियोजकों (Prosecutors) की निगरानी कर रहे थे जो दिल्ली में पहले से ही चार्जशीट किए गए मामलों की सुनवाई कर रहे हैं।
सीबीआई ने यह भी साफ कर दिया कि अधिकारी की मौत की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को मिले सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
सीबीआई ने कहा कि दिल्ली आबकारी नीति मामले की जांच की जा रही है। ऐसे में किसी भी आरोपी को क्लीनचिट नहीं दी गई है। मनीष सिसोदिया का बयान शरारती और भ्रामक होने के साथ ही इस मामले में चल रही जांच से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया ने सोमवार को यह दावा किया कि सीबीआई के एक अफसर ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उन पर मुझे झूठे आबकारी मामले में फंसाने के लिए दबाव डाला गया था। सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह केवल विधायकों की खरीद फरोख्त करके गैर-भाजपा राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने के बारे में सोचते हैं।
सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और लागू करने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने के बाद पिछले महीने सिसोदिया के दिल्ली स्थित आवास पर छापा मारा था।
सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि सीबीआई के एक अधिकारी पर मुझे झूठे आबकारी मामले में फंसाने के लिए दबाव डाला गया। वह मानसिक दबाव नहीं झेल सका और दो दिन पहले आत्महत्या कर ली। यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं बहुत व्यथित हूं। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि अधिकारियों पर इतना दबाव क्यों डाला जा रहा है कि वे इतना बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। आप चाहें तो मुझे गिरफ्तार कर लें, लेकिन अपने अधिकारियों के परिवारों को बर्बाद न करें। उन्होंने मोदी से यह भी सवाल किया कि क्या केंद्र के पास केवल 'ऑपरेशन लोटस' का ही काम है।
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