एनआईए की बड़ी कार्यवाही: बीएसएफ के बर्खास्त अधिकारी के खेत में मिले 91 लाख, जानिए पूरा मामला

Update: 2021-03-13 06:39 GMT

जम्मू कश्मीर के चर्चित हंदवाड़ा नारको टेररिज्म केस की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सांबा जिले से 91 लाख रुपये बरामद किए हैं. एनआईए ने यह बरामदगी शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बर्खास्त अधिकारी के खेत से की. सांबा जिले के गुरवाल स्थित खेत में करीब सात फीट नीचे यह धनराशि सुरक्षित रखी गई थी.

एनआईए की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, यह धनराशि आरोपी रोमेश कुमार को ड्रग्स तस्करों से मिली थी. रोमेश कुमार जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ डेपुटेशन पर थे, तब अपने साथ ही आतंकी गतिविधियों के चैनलाइजेशन के लिए उन्हें यह रकम मिली थी. इस रकम को खेत में करीब सात फीट की गहराई में सुरक्षित रख दिया गया था.
हालांकि, सह अभियुक्तों ने पूछताछ में एसआई का नाम नहीं लिया, लेकिन अन्य कनेक्शन सामने आए. रोमेश कुमार से लगातार पूछताछ के बाद एनआईए की टीम खेत में पहुंची, जहां उसे ताजी खोदी गई जमीन मिली. यहीं सात फीट नीचे पैसे छिपाकर रखे गए थे. जानकारी के मुताबिक अपनी गिरफ्तारी से पहले रोमेश ने जमीन के अंदर पैसे छिपा दिए थे.
गौरतलब है कि एनआईए ने 1 मार्च को श्रीनगर और जम्मू से पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. एनआईए ने इन आरोपियों को 15 दिन की रिमांड पर ले लिया था. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद हुए खुलासे के आधार पर एनआईए ने सर्च ऑपरेशन चलाया और यह धनराशि बरामद किया. हंदवाड़ा नारको टेरर केस पिछले साल हुई बरामदगी से संबंधित है, जब पुलिस ने एक अभियुक्त अब्दुल मोमिन पीर की कार को इंटरसेप्ट कर तलाशी ली तो 20 लाख रुपये नकद और दो किलो हेरोइन बरामद हुई थी.
एनआईए ने जून 2020 में मुकदमा दर्ज किया था. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक रोमेश कुमार साल 2018 से ड्रग्स तस्करों के साथ मिलकर काम कर रहा था. एनआईए को इसकी भनक मिल गई थी. रोमेश कुमार साल 2020 के जनवरी से जम्मू कश्मीर से आतंकियों का सहयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दूसरे सुरक्षाकर्मी हैं. रोमेश से पहले एनआईए ने डीएसपी देविंदर सिंह को आतंकियों की मदद करने के आरोप में पकड़ा था. देविंदर सिंह को पहले ही सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है.
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