प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 31 बच्चों को ट्रेन से ले जाने के मामले में बाल कल्याण समिति (CWC) ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रयागराज के जिला अधिकारी को सौंप दी है. जीआरपी पुलिस ने भी इस मामले में 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. मुकदमे के मुताबिक, चारों आरोपियों पर बच्चों को शोषण की नीयत से ले जाने को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ है. पुलिस ने सभी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है.
एक समाज सेवी संस्था ने यह सूचना दी कि 31 बच्चों को महानंदा एक्सप्रेस (Mahananda Express) ट्रेन से बाहर ले जाया जा रहा है और ये आशंका जताई कि इन बच्चों को मानव तस्करी के लिए इस्तेमाल करने के लिए ले जाया जा रहा है. इस शक के आधार पर प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी ने मिलकर ट्रेन में रेस्क्यू कर बच्चों सहित कई लोगों को प्रयागराज रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में रखकर पूछताछ कर रही है.
31 बच्चों में 21 बच्चे नाबालिग हैं. जबकि 12 बच्चे बालिग हैं. इस बात की सूचना सीडब्ल्यूसी यानी चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी को दी गई. मौके पर सीडब्ल्यूसी की टीम ने पहुंचकर बच्चों की काउंसलिंग शुरू की. वहीं, सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अखिलेश मिश्रा ने अपनी एक रिपोर्ट बनाकर प्रयागराज के जिला अधिकारी को सौंप दी है.
अखिलेश मिश्रा की मुताबिक, रिपोर्ट में बच्चों ने द्वारा बताई गई बातों को इंगित किया गया है. बच्चों ने ये भी बताया कि सरकारी स्कूल से नाम कटवा कर उन्हें मदरसे में पढ़ाने के लिए भेजा जा रहा था.
यही नहीं, सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अखिलेश मिश्रा के मुताबिक, बच्चों के साथ मौजूद चार लोगों की गतिविधि को संदिग्ध माना है. इसके अलावा अखिलेश ने ये भी बताया कि चारों लोग हमारे सवालों का जवाब भी सही से नहीं दे पा रहे थे.
जीआरपी ने आईपीसी की धारा 363/370 (05) व किशोर न्याय अधिनियम की धारा 79 के तहत मोहम्मद अब्दुल रब, मोहम्मद वासिल, सनाउल्ला और बबलू सोरेन के खिलाफ बगैर अनुमति बच्चों को शोषण की नियति से ले जाने को लेकर मुकदमा दर्ज किया है.
बच्चों के परिवार वालों को भी सूचना दे दी गई थी. शनिवार को अधिकतर बच्चों के परिवार वाले प्रयागराज के खुल्दाबाद इलाके में बने सीडब्ल्यूसी कार्यालय पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि बच्चों को पढ़ने के लिए ही भेजा जा रहा था. फिलहाल, इस मामले की जांच जारी है.