पूर्व IAS अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, CBI ने कई ठिकानों पर मारे छापे, करोड़ों की संपत्ति का हुआ खुलासा

पूर्व IAS अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई

Update: 2021-02-03 01:08 GMT

फाइल फोटो 

उत्तर प्रदेश में खनिजों के अवैध खनन के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को एक पूर्व IAS अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की. यह मामला कथित तौर पर अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल के दौरान का था.

सीबीआई ने राज्य में अवैध खनन की अनुमति देने के आरोप में कौशाम्बी जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह और 9 अन्य लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है. बता दें कि 2016 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीबीआई को राज्य में अवैध खनन के मामलों की जांच करने का निर्देश दिया था.
पूर्व आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह के घर पर तलाशी के दौरान सीबीआई ने 10 लाख रुपये नकद, लगभग 44 अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज, 51 लाख रुपये की सावधि जमा के दस्तावेज बरामद किए हैं. कानपुर, गाजियाबाद और नई दिल्ली में उनके और उनके परिवार वालों के नाम लगभग 36 बैंक खातों का पता चला है.
जिसमें से 6 लॉकरों की चाबियां भी बरामद हुई हैं. जानकारी के मुताबिक उन लॉकरों में 2.11 करोड़ रुपये की सोने और चांदी की ज्वैलरी और एक लाख रुपये की पुरानी करेंसी भी मिली है.
दरअसल, वर्ष 2012-14 के दौरान सत्येन्द्र सिंह यूपी के कौशाम्बी जिले के जिला मजिस्ट्रेट थे. तब उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के 31 मई, 2012 के आदेशों में उल्लिखित ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का पालन किए बिना कौशाम्बी में लघु खनिज के दो नए पट्टों का आवंटन किया था और अन्य 9 मौजूदा पट्टों का नवीनीकरण भी किया था. सीबीआई ने इन्ही आरोपों के चलते उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है.
सीबीआई ने कौशाम्बी और लखनऊ में 9 अलग-अलग स्थानों पर आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारे. जिसमें विभिन्न दस्तावेज जब्त किए गए हैं. इस मामले में पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह के अलावा नेपाली निषाद, नर नारायण मिश्रा, रमाकांत द्विवेदी, खेमराज सिंह, राम प्रताप सिंह, मुन्नी लाल, शिव प्रकाश सिंह, राम अभिलाष और योग सिंह को भी आरोपी बनाया गया है.
Tags:    

Similar News

-->