भीमा-कोरेगांव केस: मेडिकल ग्राउंड पर वरवर राव को बड़ी राहत, मिली 6 महीने की जमानत
बॉम्बे हाई कोर्ट ने एल्गार-परिषद मामले में गिरफ्तार कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव को बेल दे दी. हाई कोर्ट ने कहा कि यह फिट केस है और वरवर राव को जमानत दी जाती है. जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की खंडपीठ ने कहा कि इसमें कुछ उचित शर्तें लागू होंगी. राव को 6 महीने के लिए नानावती अस्पताल से छुट्टी देने का निर्देश दिया गया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर वरवर राव को जमानत दी है. उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई है कि उन्हें मुंबई में ही रहना है और जांच के लिए उपलब्ध होना चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि वरवर राव को मुंबई में ही रहना होगा. उन्हें अपने रहने वाले स्थान की जानकारी मुहैया करानी होगी. ट्रायल के दौरान जब भी बुलाया जाएगा, उन्हें उपस्थित रहना होगा. वह व्यक्तिगत राहत के लिए आवेदन कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि वह निकटतम पुलिस स्टेशन में व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर सकते हैं और अपनी उपस्थिति के बारे में बता सकते हैं. एल्गार परिषद मामले में यह पहली जमानत है.
असल में, भीमा कोरेगांव केस में जेल में बंद वरवर राव पिछले साल जुलाई में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. न्यायिक हिरासत में नवी मुंबई के तालोजा जेल में बंद वरवर राव को उसके बाद सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब वरवर राव के परिवार ने उनकी बिगड़ती हालत को लेकर चिंता जाहिर की थी. इसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया था.
बता दें कि यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित हुए एल्गार परिषद के सम्मेलन में कथित भड़काऊ भाषणों से जुड़ा है. पुलिस का दावा है कि अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी. पुलिस का दावा है कि यह सम्मेलन उन लोगों द्वारा आयोजित किया गया था जिनके माओवादियों से कथित तौर पर संबंध हैं.Live TV