भय्यू महाराज आत्महत्या: मिलने आती थी मॉडल, ड्राइवर और सेवादार की कोर्ट में हुई गवाही
इंदौर। भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में शुक्रवार को महाराज के ड्राइवर और सेवादार कैलाश पाटिल की गवाही हुई. कैलाश ने जिला कोर्ट को बताया कि भय्यूजी महाराज की गाड़ियों पर GPRS सिस्टम लगा हुआ था. इसके जरिए उनकी गाड़ी की लोकेशन मिलती रहती थी. उनकी पत्नी आयुषी महाराज के साथ रहने वाले सेवादार से बार-बार एक ही बात पूछती थीं कि साथ में कौन-कौन हैं? अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी. इस दिन महाराज के सेवादार शेखर को बुलाया गया है. बता दें कि इस मामले में अब तक दो दर्जन से ज्यादा गवाहों के बयान हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से छह माह में सुनवाई खत्म करने के आदेश जारी होने के बाद सुनवाई तेजी से चल रही है. हालांकि ये समय सीमा भी खत्म हो चुकी है.
महाराज के ड्राइवर रहे कैलाश ने कोर्ट को बताया कि पत्नी आयुषी और उनकी बेटी कुहू के बीच अक्सर झगड़े होते रहते थे. इसके चलते महाराज तनाव में रहते थे. महाराज ने घटनाक्रम से तीन महीने पहले कुहू की गाड़ी चलाने के लिए मुझे पुणे भेज दिया था. पाटिल ने क्रॉस एग्जामिनेशन में ये भी बताया कि सानिया सिंह नाम की एक अभिनेत्री और मॉडल महाराज से मिलने इंदौर आती रहती थी. उसका खाना महाराज के यहां से चोरी-छिपे भेजा जाता था.
पाटिल ने कोर्ट को ये भी बताया कि महाराष्ट्र की एक संस्था पर लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप था. इसकी कर्ताधर्ता वर्षा ने मुलताई में सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी थी. महाराज के करीबी कुछ लोगों ने इसका सौदा कराया था. गौरतलब है कि भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. महाराज के तीन सेवादार विनायक, पलक और शरद को पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपियों की तरफ से सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर, एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर और एडवोकेट आशीष चौरे पैरवी कर रहे हैं.