VIDEO: प्रियंका टिबरेवाल ने भरा नामांकन, सीएम ममता के खिलाफ लड़ेंगी चुनाव

Update: 2021-09-13 09:57 GMT

बंगाल के भवानीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से प्रियंका टिबरेवाल ने सोमवार को अपना नामांकन पत्र भर दिया है। बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने प्रियंका को मैदान में उतारा है।

प्रियंका टिबरेवाल के नामांकन के दौरान बीजेपी नेता और नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी भी मौजूद थे। इस सीट पर ममता बनर्जी ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया था। कांग्रेस ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है जबकि सीपीआई (एम) ने यहां से श्रीजीब बिस्वास को टिकट दिया है।
प्रियंका टिबरेवाल अभी राजनीति में नई हैं और उन्हें अभी ज्यादा अनुभव भी नहीं है। प्रियंका ने साल 2014 में मोदी लहर के समय बीजेपी ज्वाइन की थी। उसके बाद बीजेपी ने उन्हें 2015 के निगम चुनाव में टिकट दिया था, लेकिन वो जीत नहीं पाईं थीं। बीजेपी सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेतृत्व यहां से किसी बड़े चेहरे को ममता बनर्जी के सामने उतारना चाह रही थी, लेकिन ममता बनर्जी के सामने जब बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया, तब प्रियंका को यहां से टिकट दिया गया है।
प्रियंका टिबरेवाल पिछले विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाने मैदान में उतरी थी। बीजेपी ने उन्हें एंटली सीट से उम्मीदवार भी बनाया था, लेकिन उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा था। इसी तरह प्रियंका को साल 2015 में भी ‌‌बीजेपी ने कोलकाता नगर निगम चुनाव में उम्मीदवार बनाया था, लेकिन शुरूआत भी खराब रही थी और उन्हें वहां TMC के उम्मीदवार ने हरा दिया था।
प्रियंका पेशे से वकील हैं और अभी कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं। बंगाल चुनाव के बाद के हिंसा को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका डाल रखी है। पार्टी की ओर से भी प्रियंका कोर्ट में पैरवी करती रहती हैं।
इस सीट पर हो रहे उपचुनाव में सीएम ममता बनर्जी को हर हाल में जीतना होगा। अगर ममता हार जाती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी नंदीग्राम में अपने ही पूर्व सहयोगी और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरी थीं। जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, हालांकि चुनाव में ममता की पार्टी टीएमसी को बहुमत मिला और वो सीएम की कुर्सी पर बरकरार रहीं, लेकिन नियमानुसार उन्हें छह महीने के अंदर ही विधानसभा का सदस्य बनना पडे़गा, नहीं तो उन्हें सीएम पद से हटना होगा।
हालांकि ममता बनर्जी को यहां जीत मिलने की उम्मीद की जा रही है। ये ममता बनर्जी की परंपरागत सीट रही है और वो यहां से दो बार विधायक रह चुकीं हैं। एक बार उपचुनाव में ही यहां से उन्हें 77.46 प्रतिशत वोट मिले थे। बाद में 2016 के चुनाव में ममता बनर्जी को इस सीट से लगभग 48 प्रतिशत वोट मिले थे।



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