सांसद और विधायक के बीच तू-तू, मैं-मैं...अफसर करते रहे बीच-बचाव...फिर जो हुआ

जमकर हुआ बवाल

Update: 2021-01-27 14:52 GMT
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उत्तर प्रदेश के बलिया में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब सत्तारूढ़ बीजेपी के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह आपस में भिड़ गए. मामला जिला विकास समन्वय एवं श्रवण समिति की मीटिंग के दौरान का है. मीटिंग में बीजेपी सांसद और विधायक आमने-सामने आ गए. दोनों में जमकर गाली-गलौज हुई. इस दौरान बीजेपी सांसद और बीजेपी विधायक के समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया. दोनों पक्षों में जमकर नोकझोंक हुई. मीटिंग के दौरान बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह के समर्थक काफी देर तक हंगामा करते रहे. इस दौरान मीटिंग में मौजूद मंत्री आनंद शुक्ल वहां से निकल गए. दोनों पक्षों के बीच देर तक तू तू, मैं मैं होती रही. कुछ देर बाद बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और बाहर निकल गए. उन्होंने बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. जबकि बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह ने बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह पर अफसरों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है.

फिलहाल हंगामे के दौरान प्रशासनिक अफसर बीच-बचाव करते नजर आए. मीटिंग के दौरान बीजेपी सांसद और विधायक की ये भिड़ंत चर्चा का विषय बनी हुई है. जबकि सार्वजनिक रूप से हुई इस घटना से बीजेपी सांसद और बीजेपी विधायक का आपसी मनमुटाव जगजाहिर हो रहा है. मामला बिगड़ते देख अफसरों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद दोनों पक्षों को किसी तरह अलग किया गया.

सुरेंद्र सिंह ने बाहर आने के बाद कहा कि सांसद चाहते थे कि उनके ही लोग बैठक में रहें. बैठक के लिए एक सूची होती है. उस सूची के अनुसार ही लोगों को बैठने दिया जाना चाहिए लेकिन वह जिसे चाहते हैं उसी को बिठाते हैं. सांसद मनमानी कर रहे थे. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हम लोगों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया है. सुरेंद्र सिंह ने कहा, 'अध्यक्ष जो कहेगा वहीं हो जाएगा क्या? अध्यक्ष जिसको चाहता उसी को कहता है ये बैठेगा नहीं तो नहीं बैठेगा. ये मेरे विचार और सिद्धांतों के खिलाफ है. बैठक के लिए सूची होती है, सूची में जो लोग चिन्हित हों, उन्हीं को रहना चाहिए. अनावश्यक अपने लोगों को बिठाना उचित नहीं है. खुद इस बेईमान आदमी ने 25 बीघा खेत हड़प लिया है. मैं बैठक में ये मुद्दा उठाने ही वाला था कि हंगामा करने लगे. हम मीटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं.'

वहीं सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा, 'बात ये है कि मीटिंग की एक व्यवस्था होती है. हमने कहा कि विभाग के अधिकारी अपनी समीक्षा प्रस्तुत कर दें. तो विधायक अपनी बात पर थे. अधिकारियों पर गलत काम का दबाव बनाएंगे, मैं मीटिंग का चेयरमैन हूं, मैं ऐसा नहीं होने दे सकता.' विधायक के आरोप पर सांसद ने कहा कि मेरी जानकारी में मेरे साथ जितने लोग होने चाहिए वो थे. मैं अपने लोगों को नहीं बिठाता हूं, जानकारी के लिए प्रतिनिधि बिठाता हूं, ये होता ही है.

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