भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बेहतर रखरखाव और कायाकल्प: जी किशन रेड्डी
नई दिल्ली। संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सभी संस्थाओं से आगे आकर स्मारकों के संरक्षण और रख-रखाव में सहयोग देने का आग्रह किया। इससे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बेहतर रख-रखाव और कायाकल्प में मदद मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि हमें विरासत भी और विकास भी के फार्मूले के तहत काम करना है। हमारे लिए विकास के साथ, विरासत बचाना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एडाप्ट ए हेरिटेज 2.0' कार्यक्रम हितधारकों के साथ सहयोग को बढ़ावा देगा जिसके माध्यम से वे इन स्मारकों के संरक्षण में योगदान दे सकेंगे।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सोमवार को आईजीएनसीए में एडाप्ट ए हेरिटेज 2.0 कार्यक्रम लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी आनलाइन माध्यम से शामिल हुए। वहीं संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन, केंद्रीय संस्कृति विभाग की महानिदेशक मनीषा सक्सेना और एएसआई के महानिदेशक केके बासा प्रमुख रूप उपस्थित थे।
चयनित हितधारक स्वच्छता, पहुंच, सुरक्षा और ज्ञान श्रेणियों में सुविधाएं विकसित करेंगे, प्रदान करेंगे और बनाए रखेंगे। ऐसा करने पर उन्हें एक जिम्मेदार और विरासत-अनुकूल इकाई के रूप में पहचाने जाने का अवसर मिलेगा। नियुक्ति की अवधि प्रारंभ में पांच वर्ष की अवधि के लिए होगी जिसे आगे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा इस कार्यक्रम में इंडियन हेरिटेज नाम से मोबाइल एप भी लांच किया गया, जो भारत के विरासत स्मारकों को प्रदर्शित करेगा। एप में तस्वीरों के साथ-साथ स्मारकों का राज्यवार विवरण, उपलब्ध सार्वजनिक सुविधाओं की सूची, भू-टैग किए गए स्थान और नागरिकों के लिए फीडबैक तंत्र की सुविधा होगी। अभी इसमें टिकट वाले स्मारकों का शामिल किया गया है।