बाटला हाउस एनकाउंटर: मौत की सजा के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी, 21 मार्च को सुनवाई

Update: 2022-03-08 02:49 GMT

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में बहुचर्चित बटला हाउस एनकाउंटर केस में दोषी करार दिए जा चुके इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान को ट्रायल कोर्ट से मिली फांसी की सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) 21 मार्च को सुनवाई करेगा.जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किए.वहीं, हाई कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत से मिली संदर्भ की सुनवाई अरिज खान द्वारा मृत्युदंड के खिलाफ दायर अपील के साथ की जाएगी. बता दें कि जब एक निचली अदालत किसी मामले में किसी व्यक्ति को मौत की सजा सुनाती है, तो उसके फैसले की जांच हाई कोर्ट द्वारा मौत की सजा की पुष्टि के लिए दलीलें सुनकर की जाती है.

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने कहा कि दोषी को मौत के संदर्भ की कार्यवाही के बारे में सूचित करते हुए नोटिस भी भेजा जाए. इस दौरान कोर्ट ने रजिस्ट्री को मामले के ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अभियोजक को मौत के संदर्भ की एक प्रति जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है.
साकेत कोर्ट ने आंतकी आरिज खान को सुनाई थी मौत की सजा
बता दें कि साकेत कोर्ट ने इस मामले में आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई थी. आरिज खान को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने घटना के 10 साल बाद फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था. आरिज को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था. आरिज पर दिल्ली, अहमदाबाद, यूपी और जयपुर में हुए बम धमाकों का भी आरोप है. आरिज पर आरोप है कि वो दिल्ली में 2008 में बटला हाउस एनकाउंटर के दौरान एक बिल्डिंग में मौजूद था. उसी बिल्डिंग में चार आतंकी मौजूद थे. इनमें से दो आतंकियों को भागने में आरिज ने मदद की थी.
आतंकी आरिज पर NIA ने रखा था 15 लाख रुपए का इनाम
वहीं, आरिज के खिलाफ NIA ने 15 लाख रुपए का इनाम रखा था. दिल्ली पुलिस ने भी उस पर 5 लाख रुपये इनाम की घोषणा कर रखी थी. जहां आतंकी आरिज यूपी के आजमगढ़ का रहनेवाला है. इस मामले में एक आरोपी शहजाद अहमद को 2013 में सजा सुनाई जा चुकी है. बता दें कि जब ट्रायल कोर्ट किसी के लिए फांसी की सजा मुकर्रर करती है तो हाई कोर्ट उस पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मोहर लगाता है.
बाटला हाउस केस में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा हुए थे शहीद
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में साल 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के बाद आरिज भाग गया था. जहां पर 10 साल बाद उसे साल 2018 में उसे नेपाल से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. जबकि पुलिसकर्मी बलवंत सिंह-राजवीर को भी जान से मारने की कोशिश की गई थी.
जानिए क्या है बाटला हाउस एनकाउंटर केस?
वहीं,, बाटला हाउस एनकाउंटर 19 सितंबर 2008 की सुबह हुआ था। तब स्पेशल सेल को एक सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिद्दीन के कुछ आतंकी बाटला हाउस इलाके के एक घर में छिपे हुए हैं. वहीं, इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा समेत कई पुलिस अधिकारी उस दौरान मौके पर पहुंचे और आतंकियों को घेरने का प्लान बनाया. इसी दौरान तब आतंकियों के साथ बाटला हाउस के मकान नंबर L-18 में मुठभेड़ हुई, जहां पर पुलिस टीम ने दो आतंकी वहीं, ढ़ेर कर दिए, जबकि इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे.
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