बैंक का कारनामा, मरे व्यक्तियों के नाम से नोटिस भेजा, फिर...

जानें पूरा मामला।

Update: 2022-03-13 11:26 GMT

मधुबनी: मधुबनी जिले के बेनीपट्टी के व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में समूह की लगभग दो सौ से अधिक महिलाओें ने हंगामा शुरू कर दिया। महिलाएं हाथ में नोटिस लिए उत्तर बिहार क्षेत्रिय ग्रामीण बैंक धकजरी के शाखा प्रबंधक पर लापरवाही की आरोप लगा रही थी। महिलाओं का कहना था कि जिस खाता को 10 वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया है उसपर लाख से दो लाख तक का ऋण दिखाकर नोटिस भेज दिया गया है। दर्जनभर मरे व्यक्तियों के नाम से नोटिस भेजा गया है। जबकि ऋण की राशि चुकता कर दिया गया है जो पासबुक पर अंकित है। अब 10 वर्ष बाद नोटिस भेजा जा रहा है।

हंगामा सुनकर एसीजेएम सुनील कुमार त्रिपाठी कैंप में पहुंचे एवं तत्काल मामला स्पष्ट करने का निर्देश शाखा प्रबंधक को दिये। स्वयं सहायता समूह के मरनी देवी, शीला देवी, ममता देवी, परब देवी, संझा देवी, खातून निशा, मुन्नी देवी आदि ने बताया कि सरकार के स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत वर्ष 2006 में तीन दर्जन से अधिक समूह खोले गये थे। एक समूह में दस महिलाएं होती थी जिसमें 70 फिसदी बीपीएल धारक का होना अनिवार्य था। समूह को स्वरोजगार के लिए सरकार सबसिडी पर ऋण मुहैया कराती थी। वर्ष 2012 में सरकार इस योजना को बंद कर दी।
योजना बंद होने पर सभी ऋण धारकों ने खाते पर रहे सबसीडी की राशि का समायोजित कर ऋण को समाप्त कर दिया था। महिलाओं का आरोप है कि नोटिस मिलने पर जब बैंक पर पहुंच कर खाता का स्टेटमेंट मांगा गया तो शाखा प्रबंधक स्टेटमेंट देने से इंकार कर दिया। आरोप था कि जब खाता बंद कर दिया गया है, जो पासबुक पर स्पष्ट लिखा है, तो फिर ऋण कैसे रह गया।

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