राज्य में कोरोनिल की बिक्री पर लगी रोक...जानिए वजह

पतंजलि

Update: 2021-02-23 16:50 GMT

मुंबई। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को कहा कि उचित प्रमाणीकरण के बिना राज्य में पतंजलि की कोरोनिल टेबलेट्स की बिक्री के लिए मंजूरी नहीं दी जाएगी. देशमुख के इस बयान से एक दिन पहले ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से पतजंलि की कोरोनिल टैबलेट को विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाण पत्र मिलने की बात पर स्पष्टीकरण की मांग की थी. आईएमए ने इसे सरासर झूठ करार देते हुए आश्चर्य प्रकट किया था.

किसी का नाम लिए बिना देशमुख ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "जल्दीबाजी में किसी दवा को लॉन्च करना और दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों का दवा का समर्थन करना अत्यधिक अपमानजनक है. बिना WHO, IMA या अन्य किसी विश्वसनीय संस्थान के उचित प्रमाणन के कोरोनिल को बेचने की महाराष्ट्र में अनुमति दी जाएगी." देशमुख ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "कोरोनिल के तथाकथित परीक्षण पर आईएमए ने सवाल उठाए हैं और डब्ल्यूएचओ ने कोविड के उपचार के लिए पतंजलि आयुर्वेद को किसी भी प्रकार की स्वीकृति देने से इनकार किया है. ऐसे में जल्दीबाज़ी में किसी भी दवा को उपलब्ध करवाना और दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों द्वारा सराहना उचित नहीं."

क्या है मामला

गौरतलब है कि योग गुरु रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने 19 फरवरी को कहा था कि डब्ल्यूएचओ की प्रमाणन योजना के तहत कोरोनिल टेबलेट को आयुष मंत्रालय की ओर से कोविड-19 के उपचार में सहायक औषधि के तौर पर प्रमाण पत्र मिला है.हालांकि, पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने बाद में ट्वीट कर सफाई दी थी और कहा था, "हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि कोरोनिल के लिए हमारा डब्ल्यूएचओ जीएममी अनुपालन वाला सीओपीपी प्रमाण पत्र डीजीसीआई, भारत सरकार की ओर से जारी किया गया. यह स्पष्ट है कि डब्ल्यूएचओ किसी दवा को मंजूरी नहीं देता. डब्ल्यूएचओ विश्व में सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने के वास्ते काम करता है."

सोमवार को आईएमए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "देश का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, पूरे देश के लोगों के लिए झूठ पर आधारित अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना न्यायसंगत है. क्या आप इस कोरोना रोधी उत्पाद के तथाकथित क्लिनिकल ट्रायल की समयसीमा बता सकते हैं?"

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