असिस्टेंट रजिस्ट्रार के आदेशों पर रोक
गगरेट। जिला ऊना की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट सोसायटी दि विशाल हिमाचल गुड्स ट्रांसपोर्ट सोसायटी गगरेट की प्रबंधन समिति को विशेष आडिट तक निलंबित करने व सभा पर प्रशासक नियुक्त करने के असिस्टेंट रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं ऊना के आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। असिस्टेंट रजिस्ट्रार के आदेश को सभा की प्रबंधन समिति ने …
गगरेट। जिला ऊना की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट सोसायटी दि विशाल हिमाचल गुड्स ट्रांसपोर्ट सोसायटी गगरेट की प्रबंधन समिति को विशेष आडिट तक निलंबित करने व सभा पर प्रशासक नियुक्त करने के असिस्टेंट रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं ऊना के आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। असिस्टेंट रजिस्ट्रार के आदेश को सभा की प्रबंधन समिति ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने इस मामले में निर्णय देते हुए कहा कि अपीलीय न्यायालय ने रिट का निपटान करते समय स्वतंत्र दिमाग का अनुप्रयोग नहीं किया है। उच्च न्यायालय के इस निर्णय को प्रबंधन समिति के प्रधान सतीश गोगी ने सच्चाई की जीत करार दिया है। हाल ही में दि विशाल हिमाचल गुड्स ट्रांसपोर्ट सोसायटी गगरेट के एक पूर्व सदस्य ने प्रबंधन सभा पर टीडीएस में भारी गोलमाल का आरोप लगाते हुए असिस्टेंट रजिस्ट्रार सहाकारी सभाएं ऊना में एक शिकायत पत्र दिया था, जिस पर वर्ष 2015 से लेकर 2022 तक का विशेष ऑडिट करवाने के आदेश पारित हुए।
विशेष आडिट के लिए कर्मचारी भी नियुक्त हो गए लेकिन इसी बीच 19 दिसंबर को असिस्टेंट रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं ऊना ने संयुक्त सचिव सहकारी सभाएं के एक पत्र का हवाला देते हुए दि विशाल हिमाचल गुड्स ट्रांसपोर्ट सोसायटी की प्रबंधन समिति को विशेष ऑडिट पूरा होने तक हिमाचल प्रदेश का-आपरेटिव सोसायटी एक्ट 1968 के सेक्शन-37 में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए निलंबित कर दिया और उसके स्थान पर सभा के कार्य को सुचारू चलाने के लिए प्रशासक की नियुक्ति कर दी। असिस्टेंट रजिस्ट्रार के इस निर्णय को प्रबंधन समिति ने वरिष्ठ अधिवक्ता अजय शर्मा के माध्यम से प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी। शुक्रवार को इस पर निर्णय देते हुए न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार के निर्णय को संयुक्त सचिव सहकारी सभाएं द्वारा लिखे गए पत्र से प्रभावित बताते हुए इस आदेश पर रोक लगा दी। यही नहीं बल्कि प्रशासक नियुक्त करने के निर्णय पर भी रोक लगा दी गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता अजय शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उधर, दि विशाल हिमाचल गुड्स ट्रांसपोर्ट सोसायटी के प्रधान सतीश गोगी ने इसे सच्चाई की जीत करार देते हुए कोर्ट के निर्णय को ट्रक आपरेटरों के हितों की रक्षा वाला बताया है।